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ऑनलाइन सफारी बुकिंग शुरू, भीमलत आकर भटक रहे पर्यटक

रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के भीमलत जोन में जंगल सफारी की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी धरातल पर सफारी शुरू नहीं हुई है। वन विभाग की बेबसाइट पर बूंदी जिले में तीन रूट पर सफारी की बुङ्क्षकग हो रही है, जिनमें भीमलत जंगल सफारी भी शामिल है।

बूंदीDec 25, 2024 / 12:18 pm

Narendra Agarwal

ऑनलाइन सफारी बुकिंग शुरू, भीमलत आकर भटक रहे पर्यटक

गुढ़ानाथावतान क्षेत्र के रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व में भीमलत सफारी के के लिए बनाया गया पर्यटन जोन संख्या 3 का प्रवेश द्वार

गुढ़ानाथावत. रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के भीमलत जोन में जंगल सफारी की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है, लेकिन अभी धरातल पर सफारी शुरू नहीं हुई है। वन विभाग की बेबसाइट पर बूंदी जिले में तीन रूट पर सफारी की बुङ्क्षकग हो रही है, जिनमें भीमलत जंगल सफारी भी शामिल है। जानकारी अनुसार टाइगर रिजर्व के बफर जोन में एनटीसीए ने तीन सफारी रूटों पर टाइगर सफारी की स्वीकृति प्रदान की है, जिनमें से टाइगर हिल, सूरज छतरी व भीमलत शामिल है। भीमलत क्षेत्र में अभी तक सफारी रूट बनाने का काम चल रहा है। इसे जोन संख्या 3 के रूप में सफारी रूट बनाया गया है। बूंदी चित्तौड़ मार्ग पर भीमलत जंगल सफारी शुरू होने के बोर्ड भी लगा दिए है, लेकिन अभी तक सफारी शुरू नहीं हो सकी है। विभाग द्वारा जल्दी ही सफारी रूट खोलने का प्रयास है और बुकिंग शुरू कर दी है।
कोर क्षेत्र में सफारी हो तो बढ़े पर्यटन रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व में टाइगर देखने की इच्छा लेकर आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों को निराश होना पड़ रहा है। टाइगर रिजर्व में लगभग सभी टाइगर कोर क्षेत्र के जंगलों व रामगढ़ महल के आसपास की टेरेटरी में है। यहां अभी तक टाइगर सफारी की स्वीकृति नहीं होने से टाइगर की साइङ्क्षटग नहीं होती है। वन विभाग ने कोर क्षेत्र में टाइगर सफारी शुरू करने के प्रस्ताव भी भेज रखे हैं, लेकिन अभी तक सफारी की स्वीकृति नहीं मिली है। बफर जोन में भी अभी तक भीमलत सफारी शुरू नहीं होने से पर्यटकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
भीमलत के जंगलों में काले हरिणों को बसाने की योजना
बून्दी व भीलवाड़ा जिले की सीमा पर 20 वां मील से भीमलत लव कुश वाटिका तक 600 बीघा के जंगलों को सिल्वी पाश्चर ग्रासलैंड के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस ग्रासलैंड को शाकाहारी वन्यजीवों के अनुकूल बनाया जा रहा है जहां भविष्य में काले हरिणों को लाने की भी योजना है। वर्तमान में इन जंगलों में पैंथर, ङ्क्षचकारा, भेडि़ए, सियार, लोमड़ी, अजगर, नीलगाय, सेही, गिद्ध व भालुओं की मौजूदगी दर्ज की गई है। यहां बड़ी संख्या में देशी विदेशी पक्षियों की भी उपस्थित साल भर बनी रहती है।
जंगल मे लगेगें सोलर पैनल
योजना के तहत चिह्नित जंगलों में करीब 800 हेक्टेयर के पठारी भूभाग में गास के मैदान विकसित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे। वन्यजीवों की पेयजल व्यवस्था के लिए जंगल मे सोलर पैनल लगाकर नलकूपों से पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसी तरह विलायती बम्बूलों व लेंटाना को हटाकर ग्रासलैंड विकसित करने की योजना पर भी काम शुरू हो गया है।
बन सकता है इको टूरिज्म का प्रमुख केंद्र
वन विभाग ने टाइगर रिजर्व के जैवविविधता से समृद्ध भीमलत व बांका भोपतपुरा के बफर क्षेत्र में गिद्ध व भेडिय़ा संरक्षण की योजना के काम हाथ में लिए है। टाइगर रिजर्व की नवगठित भोपतपुरा रेंज में उपरमाल के पठार पर 800 हेक्टेयर के वन क्षेत्र को भेडिय़ों व गिद्धों के संरक्षण क्षेत्र के रूप में चिह्नित कर काम शुरू कर दिए हैं। टाइगर रिजर्व के कोर प्रशासन ने बफर जोन में आने वाले इन महत्वपूर्ण जंगलों को बाघों के साथ साथ अन्य वन्यजीवों के अनुकूल बनाने की पूरी तैयारी कर ली है तथा उम्मीद है कि जल्दी ही इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे। योजना के तहत टाइगर रिजर्व क्षेत्र की भोपातपुरा रेंज में भीलवाड़ा जिले के बांका, भोपातपुरा, जलिन्द्री, सुंठी, भड़क्या माताजी का नाला, सीताकुंड तथा बून्दी जिले के भीमलत व मुंदेड़ वन खंड को इनके संरक्षण के लिए सबसे अच्छे जंगल माना गया है। यहां पर भीमलत की प्राकृतिक वादियां, बाणगंगा नदी के पास भाला का जंगल, भोपातपुरा के पास भड़क्या माताजी का जंगल व गरड़दा व अभयपुरा बांधो के बीच मुंदेड़ का पठार भेडिय़ों व गिद्धों के संरक्षण स्थल के रूप में विकसित होंगे। इस क्षेत्र में भीमलत टाइगर सफारी शुरू होने से यहां आने वाले पर्यटक बाघों के साथ साथ भेडिय़ों व गिद्धों का भी दीदार कर सकेंगे।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर जोन भीमलत में जंगल सफारी शुरू करने का काम चल रहा है और जल्दी ही इस रूट को पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। बेबसाइट पर बुङ्क्षकग करने वाले पर्यटकों को सूरज छतरी व टाइगर हिल वाले जोनों में भेजा जा रहा है।
हरि सिंह हाड़ा, सहायक वन संरक्षक रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व(कोर) बून्दी

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