पुलिस के अनुसार हत्या की वारदात के बाद आरोपी भीमलत के जंगलों की ओर चले गए। यहां पुलिस से बचने के लिए अलग-अलग ठिकाने बदले। पुलिस अधीक्षक ने आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर अलग-अलग टीमें गठित कर इनाम घोषित किया। टीमों ने तकनीकी सूचना व सीसीटीवी कैमरे के जरिए आरोपियों के भीमलत के जंगलो में छीपे होने की स्पेशल टीम को को भनक लगी। टीम ने घेराबंदी कर तीनों आरोपियों को पकड़ लिया।
शिक्षक मनीष हत्याकांड के चारों आरोपियों पर पुलिस द्वारा इनाम घोषित करना चर्चा का विषय बना हुआ है। शहर के लोगों का कहना है कि हत्या के दूसरे दिन पुलिस ने तीन संदिग्ध को डिटेन करना बता दिया था तो उसके बाद चारों पर इनाम क्यों घोषित किया गया। जबकि पुलिस सिर्फ मुख्य आरोपी पर इनाम घोषित कर सकती थी। पुलिस अधीक्षक ने बुधवार शाम को मुख्य आरोपी पर 25 हजार व अन्य तीन पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। इसका लेकर कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी भी सवाल उठा रहे है कि आरोपी पहले पकड़े जा चुके थे, तो फिर इनाम बाद में क्यों घोषित किया गया।
शिक्षक हत्याकांड के पकड़े गए तीनों आरोपियों को न्यायालय ले जाते पुलिस ने घटना स्थल की तस्दीक कराई। पुलिस उप अधीक्षक अरुण कुमार,शहर कोतवाल तेजपाल सैनी व सदर थाना प्रभारी भगवान सहाय ने आरोपियों से पूरे घटनाक्रम का विवरण जाना। ढाबे में कैसे कहासुनी हुई और फिर मारपीट के बाद शिक्षक के साथ आए तीन युवक इधर-उधर गलियों में भाग निकले। जबकि शिक्षक मनीष यहां चौराहे पर फूल माला की दुकान पर छीपने लगा तो हत्यारों ने पीछे से पकड़ लिया और शिक्षक मनीष के जांघ में ताबड़तोड़ चाकू से वार किए। लहुलुहान हालात में बेहोश हो गया। आसपास के लोग बचाने आए तो आरोपी बाइक लेकर फरार हो गए। घटना स्थल पर मनीष के दोनों पैरों की जांघों में से काफी खून बह निकला। घटना स्थल की तस्दीक के दौरान आरोपी बोले की जुर्म करना पाप है,पुलिस हमारी बाप है। घटना स्थल के बाद पुलिस आरोपी को जीप में बैठाकर कंट्रोल रूम लेकर गई। यहां से पैदल शहर के बाजारों में होते हुए न्यायालय लेकर पहुंची,जहां न्यायालय ने तीनों आरोपियों को दो दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा है। परेड के दौरान कई लोगों ने आरोपियों की वीडिय़ो बनाई ओर शिक्षक की हत्या को लेकर आक्रोश भरी निगाहों से लोग आरोपियों को देखते रहे।