खजूर का महत्व-
रमजान के महीने में हर दिन रोजा रखने वाले मुस्लिम परिवार दिनभर भूखाप्यासा और दुआओं में बने रहने के बाद सूर्यास्त पर पूरा परिवार इफ्तार करता है मान्यता के अनुसार इफ्तार से पहले खजूर से अपना रोजा खोलना होता है। हदीस पैगम्बर मुहम्मद के शब्दों का संग्रह में कई उदाहरण है , जहां इफ्तार से में फल को बहुत महत्व दिया गया है।
वहीं वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार खजूर के साथ उपवास तोडऩे का सांस्कृतिक महत्व तो है ही साथ ही यह शरीर में ऊर्जा का संचार करता है, दिनभर उपवास से शरीर की ऊर्जा नष्ट हो सकती है और डीहाईड्रेट हो सकता है ऐसे में कम रक्त शर्करा, सिरदर्द और सुस्ती महसूस हो सकती है, उपवास में खजूर लेने से यह शरीर के पाचन रस को छिपाने के लिए भोजन के प्रवाह में लेने के लिए सक्रिय करता है।
खजूर कार्बोहाइड्रेट और फाइबर से भरे हुए होते है फाइबर शरीर को भरा हुआ महसूस कराता है ओर भूख महसूस करने से रोकता है। दिल के रोगियों के लिए भी खजूर असरदायी है इसमें 54 फीसदी चीनी ओर 7फीसदी प्रोटीन युक्त होता है। यह उच्च मैग्रीशियम आहार है जो शरीर में कैल्शियम, विटामिन डी ओर इलेक्ट्रोलाइट्स के स्तर को नियत्रित करता है।