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खरीद केंद्र ही शुरू नहीं, कहां बेचे उपज, किसानों को खल रही खरीद केंद्रों की कमी

गेहूं की सरकारी खरीद करने में सरकार की रुचि कम नजर आ रही है। किसानों की फसलें मंडियों की ओर रुख कर रही है

बूंदीApr 02, 2018 / 05:50 pm

Narendra

Purchase center does not start, where to sell, lack of purchase center
बूंदी. गेहूं की सरकारी खरीद करने में सरकार की रुचि कम नजर आ रही है। किसानों की फसलें मंडियों की ओर रुख कर रही है, लेकिन अभी तक पर्याप्त मात्रा में सरकारी कांटें शुरू नहीं हो पाए हैं। वहीं जहां पर कांटें खुले भी वहां पर नियम कायदे किसानों के माल की खरीद में बाधक बन रहे हैं।
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सूत्रों के अनुसार सरकार के निर्देश पर रसद विभाग ने जिले में 27 खरीद केंद्र स्वीकृत किए थे। जहां पर गेहूं की सरकारी खरीद होनी थी, लेकिन इनमें से मात्र नौ केंद्र ही वर्तमान में चल रहे हैं। जिसमें बूंदी, केशवरायपाटन, कापरेन, देई, देईखेड़ा, सुमेरगंजमंडी, बड़ानयागांव, सीतापुरा व मायजा में खरीद केंद्र चल रहे हैं। ऐसे में खरीद केंद्रों की कमी किसानों को खल रही है।

यहां स्वीकृत हुए थे केंद्र
सूत्रों के अनुसार बूंदी, नमाना, खटकड़, गुढानाथावतान, माधोराजपुरा, हिंगोनिया, भीया, लाखेरी, दबलाना, केशवरायपाटन, मायजा, झालीजी का बराना, अरनेठा, कापरेन, चितावा, देईखेड़ा, सुमेरगंजमंडी, हिण्डोली, बडानयागांव, जमीतपुरा, बल्लोप, बरुंधन, सुवासा, सीतापुरा, बिनायका, करवर व देई में खरीद केंद्र स्वीकृत किए हैं।
शपथ पत्र पर नहीं कर रहे खरीद
ज्वारा काश्त वाले किसान बूंदी खरीद केंद्र पर गेहूं लेकर आए, लेकिन खरीद केंद्र पर उनका गेहूं नहीं खरीदा गया। जबकि किसान ने ज्वारा काश्त करने का खेत मालिक का शपथ पत्र पेश कर दिया। फिर भी उसका अनाज नहीं खरीदा जा रहा। ऐसे में किसान मजबूरन खेत मालिक के खाते में ही अनाज बेचना पड़ा।
अनदेखी बरकरार
किसानों का माल खरीदने के लिए खरीद केंद्र खोलने को लेकर सरकार अनदेखी बरत रही है। 14 दिन पहले खरीद शुरू हुई थी, लेकिन अभी तक पूरे केंद्र शुरू नहीं किए गए हैं। ऐसे में खरीद को लेकर अनदेखी बरती जा रही है। किसानों ने बताया कि किसान रजिस्ट्रेशन के लिए सिर्फ चक्कर काट रहे हैं। कोई सुनवाई नहीं हुई। पहले जो रजिस्ट्रेशन कराए उनमें खासी छोड़ दी गई।
जल्द शुरू होंगे
जिला रसद अधिकारी बूंदी संदीप माथुर का कहना है कि सरकारी कांटों पर गेहूं की खरीद एफसीआई कर रही है। मैनपावर की कमी के चलते पूर केंद्र शुरू नहीं होने की बात सामने आई है। अभी 27 स्वीकृत केंद्रों में से नौ केंद्र चल रहे हैं। शेष केंद्र जल्द शुरू करने की बात कही है।

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