तत्कालीन ग्राम पंचायत द्वारा रैन बसेरा व शौचालय का उपयोग नहीं किया, जिससे वर्षों तक दोनों में ताले लगे रहे। उसके बाद यहां पर नगर पालिका बनने पर लोगों की मदद के लिए रैन बसेरे का उपयोग होना था, लेकिन दिन में रैन बसेरे में ताले लगे रहते हैं। ऐसे में बाहर से आने वाले लोग परेशान रहते हैं।
बस स्टैंड पर नहीं है रोशनी व पानी की सुविधा
रैन बसेरा परिसर में अंधेरा रहने व पानी की सुविधा नहीं होने के कारण रात के समय बाहर से आने वाले लोग परेशान रहते हैं, जिस कारण कई लोग रात को होटलों के बाहर टेंट से रजाइयां लेकर वहीं सो जाते हैं। जबकि यहां पर रैन बसेरा बना हुआ है।
खुला रहता है रैन बसेरा
नगर पालिका कार्मिकों का कहना है रैन बसेरा खुला रहता है। उसका उपयोग रात को होता है। यहां पर गार्ड लगा रखा हैं, लेकिन आसपास रहने वाले लोगों का कहना है उन्हें यहां पर कभी कभार ही लोग नजर आते हैं।
अन्नपूर्णा रसोई की दरकार
नगर पालिका बने डेढ़ वर्ष होने के बाद भी यहां पर नियमों के अनुसार अन्नपूर्णा रसोई नहीं खुली हैं, जिससे गरीब व जरूरतमंद लोगों को सुविधा नहीं मिल पा रही है। नगरपालिका के सूत्रों का कहना है कि यहां पर दो बार यूडीएच विभाग को प्रस्ताव तैयार कर दो स्थानों पर अन्नपूर्णा रसीद खोलने के प्रस्ताव भेजे जा चुके है। इसके लिए एक बार फिर से प्रस्ताव भिजवाए जाएंगे।
नये बस स्टैंड पर तत्कालीन पंचायत द्वारा सभी सुविधाएं की गई थी। लेकिन उसका उपयोग नहीं होने से लाखों रुपए की सामग्री का उपयोग नहीं हो पा रहा है। रैन बसेरा नियमित रूप से खुलना चाहिए। यहां पर अन्नपूर्णा रसोई भी संचालित करना चाहिए। यहां पर महिलाओं के लिए शौचालय निर्माण आवश्यक है। नगरपालिका को ध्यान देना होगा।
ईश्वर सैनी, उपाध्यक्ष नगरपालिका हिण्डोली।
रैन बसेरा नियमित रूप से संचालित होना चाहिए।यहां पर बिजली पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। रैन बसेरे में शौचालय में ताला लटका रहना दुर्भाग्यपूर्ण है। अधिकारियों को अवगत कराया है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
कालू जोशी, वार्ड पार्षद हिण्डोली।