नए साल में होगेंं दो चंद्र ग्रहण व तीन सूर्य ग्रहण
जानकार लोगों ने बताया कि तड़के पांच बजे मंदिर का पुजारी पहुंचा तो दरवाजे खुले मिले।भीतर झांककर देखा तो गर्भगृह से मूर्तियां गायब थी।बाद में सूचना आस-पास के ग्रामीणों को दी गई। सभी एकत्र हुए। तब तक देई व करवर थाना पुलिस भी मौके पर पहुुंच गई थी। उन्होंने ग्रामीणों से पूछताछ कर वारदात की जानकारी जुटाई। सूचना पर नैनवां पुलिस उपअधीक्षक महेन्द्र मेघवंशी भी खजुरी गांव पहुंचे। पुलिस ने पुजारी सीताराम की रिपोर्ट पर अज्ञात जनों के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कर लिया।
गांव के बीच मंदिर
खजुरी गांव में मंदिर चौक पाड़ा में स्थित है। जो गांव के बीच में स्थित है। यहां पूरे वक्त लोगों की आवाजाही बनी रहती है। यही कारण है कि मंदिर में ताला नहीं लगाया जाता। यहां सिर्फ गेट पर कुंडी टंगी हुई है।
एफएसएल व एमओबी टीम पहुंची
एफएसएल व एमओबी टीम भी खजुरी गांव पहुंची। यहां मंदिर परिसर और आस-पास जांच के बाद फिंगर प्रिंट जुटाए। पुलिस अब इसी आधार पर मूर्तियों की तलाश में जुटी है।
सैकड़ों वर्ष पुरानी थी मूर्तियां
सरपंच साबुलाल मीणा व ग्रामीणों ने बताया कि खजुरी रघुनाथजी के मंदिर में मूर्तियां सैकड़ों वर्ष पुरानी है। यहां करीब पांच दशक पहले नए मंदिर का निर्माण हुआ था। इससे पहले भगवान एक कच्चे घर में थे। ग्रामीणों की माने तो मूर्तियां नीलम पत्थर की थी।
आधा दर्जन से अधिक मूर्तियां हो चुकी चोरी
जिले में मूर्ति चोरी का सिलसिला थम नहीं रहा। यहां काले पत्थर की मूर्तियों पर तो मानों चोर नजर ही गढ़ाए बैठे हैं। जालेड़ा गांव से 18 नवम्बर 2015को भगवान चारभुजा की मूर्ति चोरी हो गई। इसी प्रकार ऐबरा गांव में २५ जनवरी २०१६ को भगवान चारभुजा एवं राधा-कृष्ण की मूर्तियां चोरी हो गई। दो वर्ष पहले उलेड़ा गांव से भगवान लक्ष्मीनाथ की मूर्ति चोरी हो गई। इन मूर्तियों का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा। सरपंच मीनू सैनी ने बताया कि पुलिस भी मूतियों को बरामदगी को लेकर कोई प्रयास नहीं कर रही।