रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र के उप वन संरक्षक संजीव शर्मा ने बताया कि करीब डेढ़ सौ किलो के नर शावक के विशेष क्लोजर बनाया गया है। क्लोजर में छोड़े जाने से पहले उसे कॉलरआईडी भी पहनाई जाएगी। अब तक अभेड़ा बॉयोलोजिकल पार्क में रहने के कारण उसे जंगल के अनुरूप ढालने के लिए इंतजाम किए गए है। क्लोजर के पास ही बाड़ा बनाया गया है, जिसमें समय समय पर जानवरों को छोड़ा जाएगा, ताकि नर शावक शिकार करना सीख सके। इसके लिए प्रतिदिन निगरानी भी की जाएगी।
टाइगर रिजर्व को 16 मई 2022 में टाइगर रिजर्व का दर्जा हासिल हुआ। आरवीटी-1 नर बाघ (रणथंभौर का टी-115) खुद प्राकृतिक रूप से चलकर जून 2020 में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में आया। वहीं आरवीटी-2 बाघिन (रणथंभौर की टी-102) 16 जुलाई 2022 को रामगढ़ के शॉफ्ट एनक्लोजर में छोड़ी गई। इसे 31 अगस्त 2022 को खुले जंगल में छोड़ा गया था, जिसका गत दिनों कंकाल मिला था। इस बाघिन द्वारा तीन शावक को जन्म दिया गया था, जिसमें से एक जीवित नहीं रहा तथा दो मादा शावक बिना मां जंगल में विचरण कर रही है। आरवीटी-3 बाघिन (रणथंभौर की टी-119) अगस्त 2023 में रामगढ़ में छोड़ी गई। इस बाघिन के भी गत माह शावकों को जन्म देने की जानकारी है लेकिन अभी तक शावकों के फोटो नहीं आए है। गत माह सरिस्का का टाइगर एसटी 2303 रामगढ़ टाइगर रिजर्व लाया गया था, जो अभी बजलिया क्लोजर में है।