नगर परिषद में वर्तमान में 60 वार्ड है। ऐसे में वार्डों का दायरा भी बढ़ाया जाएगा। इसके लिए वार्डों का परिसीमन होगा। तथा अब चुनाव में पार्षद पद के लिए भाग्य आजमाने वाले प्रत्याशियों के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं होगा। वहीं पंचायत समिति व जिला परिषद के वार्डों का भी पुनर्गठन किया जाएगा।
उक्त गांवों के लोगों का कहना है कि नगर परिषद क्षेत्र में शामिल किए जाने के पहले लोगों को विश्वास में लिया जाना चाहिए था। कुछ गांवों को छोड़ दे तो वहां पहुंचने के लिए सुलभ सड़क कई बार अवगत कराने के बाद भी नहीं बन पाई है। ऐेसे में नगर परिषद क्षेत्र का विस्तार करने से पहले उक्त गांवों के विकास के लिए सुनियोजित विकास की योजना बनानी चाहिए थी। शहर के विकास का जिम्मा नगर परिषद का है, जबकि शहर में सड़कों पर गड्ढे व कचरे के ढेर हर तरफ नजर आते है। जनप्रतिनिधी व अधिकारी दर्जनों बार इनसे मुक्ति दिलवाने के आश्वासन भी दे चुके है, लेकिन इनसे निजात नहीं मिली, ऐसे में शहरी सरकार उक्त शामिल किए गए गांवों का विकास कैसे करवा पाएगी।
स्वायत्त शासन विभाग द्वारा नगर परिषद में 19 गांव शामिल करने के साथ ही तालाब गांव को सीमा से बाहर रखा गया है, जबकि हिण्डोली विधानसभा का उक्त गांव नगर परिषद की सीमा से सटा हुआ है तथा इसके पास औद्योगिक क्षेत्र प्रस्तावित है, जिसके लिए भूमि भी आवंटित हो चुकी है। वहीं यहां मेडिकल कॉलेज संचालित है। इसके अलावा तालाब गांव में फुलसागर होने के कारण पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
मुकेश माधवानी, नेता प्रतिपक्ष, नगर परिषद, बूंदी
हरीमोहन शर्मा, विधायक, बूंदी
सरोज अग्रवाल, सभापति, नगर परिषद बूंदी।