एसोसिएशन के अध्यक्ष क्रांति जैन ने बताया कि ई- पोर्टल सिस्टम में स्टॉकिस्ट और केमिस्ट दोनों को दवाइयों के आंकड़े को पोर्टल पर अपलोड करना होगा। ऐसे में मरीज को दवा देने में परेशानी आएगी। एसोसिएशन के सचिव अभिमन्यु जैन ने कहा कि रिटलेर को स्मार्ट फोन से हर पर्चे की दवाओं विवरण अपलोड करना होगा। जबकि इंटरनेट की कनेक्टिविटी हमेशा गड़बड़ रहती है। साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या रहती है। वहीं प्रत्येक पर्चे पर एक फीसदी या अधिकतम 200 रुपए राशि शुल्क देना संभव नहीं। अध्यक्ष जैन ने बताया कि वे सुबह आठ बजे से पूरे शहर में रैली निकाल बंद का आह्रान करेंगे।
चाइनीज कंपनी और दुकानदार के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
निजी अस्पतालों के भर्ती मरीजों को राहत निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों को दवा अस्पतालों के मेडिकल स्टोर्स से मिल जाएगी। साथ ही इमरजेंसी के मरीजों को भी दवा ये अस्पताल उपलब्ध कराएंगे, लेकिन इन अस्पतालों के आउटडोर मरीजों को दवा नहीं मिलेगी। हालांकि निजी चिकित्सकों को दिखाने के बाद दवा नहीं मिलने की समस्या का सामना मरीज जरूर करेंगे।