गोष्ठी में व्यापारियों ने ठगी से बचाव के लिए नियमित राजस्थान पत्रिका पढ़ने का आह्वान किया। कौमी एकता सोसायटी के जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम पारीक ने कहा कि देश या विदेश से आने वाले वीडियो कॉल में सामने वाला खुद को पुलिस अफसर या क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताता है। इस तरह के कॉल पूरी तरह से फर्जी होते हैं। उन कॉल को तुरंत काट देना चाहिए और उसकी जानकारी पुलिस को देनी चाहिए। मुकेश जैन ने बताया कि एक व्यापारी के पास वीडियो कॉल आया। वह वीडियो कॉल करने वाले के झांसे में फंसकर 75 हजार रुपए गवां बैठा। उन्होंने सलाह दी है कि किसी भी तरह के मैसेज का जवाब नहीं देना चाहिए। राजस्थान पत्रिका में साइबर क्राइम के बारे में लगातार समाचार आ रहे है। इन समाचारों से लोगों में जागरूकता आ रही है।
लोग नियमित पत्रिका पढ़ते रहें
कांग्रेस के प्रदेश सचिव गुलाम जिलानी गुड्डू कादरी ने कहा की साइबर ठगों का पूरा नेटवर्क है। उनके झांसे में आकर कई लोग ठगी का शिकार हो चुके है। लोगों को उनसे सावधान रहने की जरूरत है। अनजान नंबरों से आने वाले कॉल को नहीं उठाए। मोबाइल पर आने वाले किसी प्रकार के लिंक नहीं खोले। ठगी होने पर तत्काल उसकी पुलिस को सूचना दे। कार्यशाला में व्यापारी माणक सोनी, नगर परिषद उप सभापति लटूर भाई, रोहिताश्व शर्मा, राशिद खान, नईम भाई, कौमी एकता सोसायटी के मौलाना असलम व महमूद अली ने भी विचार रखे।