सिंचित क्षेत्र के किसानों ने जो अरमान मन में पाल रखे थे, वह पहली बारिश में ही बह गए। देर से हुई बारिश के बाद क्षेत्र के किसानों ने 16 जुलाई से सोयाबीन, उड़द व मूंग की बुवाई शुरू की।
बूंदी•Jul 31, 2021 / 08:26 pm•
पंकज जोशी
पहली बारिश में बहे किसानों के अरमान, महंगा बीज गला
पहली बारिश में बहे किसानों के अरमान, महंगा बीज गला
बारिश के बाद खेतों ने लिया तलाई का रूप, पानी नहीं निकल रहा
केशवरायपाटन. सिंचित क्षेत्र के किसानों ने जो अरमान मन में पाल रखे थे, वह पहली बारिश में ही बह गए। देर से हुई बारिश के बाद क्षेत्र के किसानों ने 16 जुलाई से सोयाबीन, उड़द व मूंग की बुवाई शुरू की। 8 से 9 हजार रुपए प्रति क्विंटल में सोयाबीन खरीदकर किसानों ने रातों-रात बुवाई की। क्षेत्र में 18 व 19 जुलाई तक बुवाई हो चुकी थी।
किसानों को उम्मीद थी कि इस बार फसलें अच्छी होगी, लेकिन 27 जुलाई को 12 घंटे हुई पांच इंच बारिश ने किसानों के अरमानों को धो दिया। बारिश से सैकड़ों बीघा सोयाबीन, उडद, मूंग, मक्का व तिल्ली की फसलें जलमग्न होने से नष्ट हो गई। खेतों में ही किसानों का सोयाबीन, उड़द व मूंग का बीज गल गया।
इन गांव में हुआ नुकसान
क्षेत्र के गुडला, गुडली पटोलिया, माधोराजपुरा, इंद्रपुरिया, लेसरदा, पादडा, भीया, रडी, चडी, रंगराजपुरा, अण्दपुरा, श्रीपुरा, जलोदा, अरनेठा गांव में सैकड़ों बीघा सोयाबीन पानी में डूब गई।
ड्रेनेज व्यवस्था की खुली पोल
सिंचित क्षेत्र में सीपेज होने की वजह से दो दशक पहले ड्रेनेज व्यवस्था की गई थी, लेकिन अब ड्रेनेज व्यवस्था बिगड़ गई। ड्रेनों में मिट्टी भरने से उनकी क्षमता आधी रह गई। खेतों के पानी को ड्रेनों में निकालने से किसानों की फसलें बच जाती थी, लेकिन इस बार ड्रेनेज क्षमता से अधिक भरने से पानी खेतों में ही भरा रह गया। अबके खेतों में पानी भरे तीन दिन हो गए।
किसानों ने उठाई मुआवजे की मांग
उपखंड में हुई बारिश के बाद नष्ट हुई फसलों का किसानों ने सर्वे करवाकर मुआवजा दिलवाने की मांग की। पीडि़त किसान जलोदा गांव निवासी बृजेश गुप्ता ने बताया कि इस बारिश से 25 बीघा सोयाबीन का बीज नष्ट हो गया। खेतों से अब तक पानी नहीं निकला। अभी तक कोई भी सर्वे करने नहीं पहुंचा। गुडला के किसान देवीशंकर ने बताया कि बारिश ने बर्बाद कर दिया। उसकी 12 बीघा सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई। गुडली के किसान रूपशंकर सुमन, प्रेम शंकर सुमन, ग्यारसी लाल, रंगराजपुरा के कन्हैयालाल मीणा ने बताया कि प्रशासन नुकसान का सर्वे नहीं करवा रहा, जिससे किसानों में रोष व्याप्त हो गया।
सीएडी अभियंताओं ने देखा सीपेज से भरा पानी
कापरेन. बरसात व ड्रेनों के सीपेज पानी की निकासी की समस्या को लेकर संभागीय आयुक्त के.सी. मीणा के निर्देश पर शुक्रवार को सीएडी के अभियंताओं ने कापरेन ब्रांच का जायजा लिया।
मुख्य नहर चेन संख्या 1375 पर पानी निकासी के लिए बने साइफन का निरीक्षण कर हालात देखे। मौके पर मौजूद किसानों को शीघ्र समस्या के समाधान का भरोसा दिया। कांग्रेस नेता सी.एल. प्रेमी ने किसानों की समस्याओं से अवगत कराया। सीएडी अधिशासी अभियंता अजय कुमार आजाद, सहायक अभियंता लाल बहादुर मीणा अरड़ाना, चरडाना, बाझडली, आजंदा गांवों के हाल देखे। कांग्रेस नेता प्रेमी ने बताया कि साइफन काफी पुराना हो चुका, ऊंचा होने से पानी की निकासी नहीं होती। किसान रामबाबू गोस्वामी, दुर्गालाल गुर्जर, महावीर जैन, मोहित व्यास, मुरारी लाल मीणा, बद्रीलाल, प्रवीण पाटोदी आदि ने जल्द राहत की मांग रखी।
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