औषधालयों की पूर्व में पुराने भवनों की छवि अब बदली है। भवन का नवीनीकरण, आयुर्वेद पद्धति के प्रचार-प्रसार की सामग्री,औषधियों की जानकारी आदि दी गई है। वहीं परिसर में औषधियों के प्लांट लगाए गए हैं, जिससे लोगों का आकर्षण भी बढ़ने लगा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि औषधायलों के विकसित होने से 25 फीसदी तक आउटडोर बढ़ा है।
●डायबिटीज व ब्लड प्रेशर व उपचार।
●योग शिक्षक कर रहे योग के प्रति जागरूक।
● योग-प्राणायाम से स्वस्थ रहने के सिखाएंगे गुर।
● चिकित्सक व नर्सिंगकर्मी को विशेष भत्ता।
● मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य।
● मरीजों का हेल्थ रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज।
इन विकसित सेंटरों में हर्बल गार्डन तैयार किया जा रहा है। इसमें 16 प्रकार के औषधीय पौधे लगाए जा रहे है। हर्बल गार्डन के लिए प्रत्येक सेंटर को 20 हजार रुपए बजट निर्धारित है। इसके साथ ही सुबह 7 से 8 बजे तक नियमित योग कक्षाएं संचालित की जा रही है। यह योग कक्षा अस्पताल, आगंनबाड़ी केंद्र, सामुदायिक भवन, विद्यालय या सार्वजनिक स्थानों में कराई जा रही है।
प्रदेश के इन 1000 वेलनेस सेंटर में 1550 से अधिक योग शिक्षकों की नियुक्ति की जा चुकी है। प्रतिदिन इन सेंटर में एक पुरुष व एक महिला योग शिक्षकों को लगाया गया है। मरीजों व आमजन को प्रतिदिन योग करवाया जाएगा। वहीं सार्वजनिक स्थानों पर भी योग की कक्षाएं लेंगे।
डॉ.रमेशचंद जैन, उप निदेशक,आयुर्वेद विभाग,बूंदी