दरअसल, खुर्जा से मेरठ के बीच चलने वाली रेलगाड़ी ने बुधवार को रफ्तार ही नहीं भरी। सूत्रों के हवाले से जो सूचना मिली उसके मुताबिक रेलवे ट्रैक को दुरुस्त करने की वजह से कई गाड़ियां रदद् कर दी गयीं, जिसके चलते ट्रेन से यात्रा करने के लिए लोग ट्रेन के आने के समय के घण्टों बाद तक भी इस उम्मीद पर बैठे रहे कि शायद गाड़ी देरी से चल रही होगी। सहारनपुर जाने के लिए ट्रेन का इंतजान करने वाले आकिल ने बताया कि किसी तरह की कोई जानकारी नहीं मिली और न ही कोई घोषणा यहां हुई, जिसकी वजह से घण्टों से रेल का इंतज़ार कर रहे हैं। आकिल ने बताया कि अगर ये पहले बता देते या कोई बोर्ड लगाकर सूचित कर देते तो हम कोई अन्य माध्यम से अपनी मंजिल के लिए निकल जाते। इसके बाद पत्रिका की टीम ने मौके पर सुपरिटेंडेंट से भी सम्पर्क करने की कोशिश की, लेकिन स्टेशन पर यात्रियों के अलावा पूरी तरह से सभी नदारद मिले। रेलवे की इस गैरजिम्मेदारा रवैये से तपती धूप में नौनिहालों के साथ रेलगाड़ी से जाने के लिए आने वालीं महिलाओं को तो और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
वहीं, सबारियों को लेकर आने वालों की चांदी रही, क्योंकि जो भी सवारी रेलगाड़ी से जाने के लिए यहां आ रहे थे, उन्हें उल्टा वापिस भी जाना पड़ रहा ही था। औरंगबाद से आने वाले श्योराज सिंह का कहना है कि उन्हें किसी भी तरह की जानकारी यहां प्राप्त नहीं हुई। अगर हमें यहा पर किसी तरह की जानकारी मिल जाती तो यहां न आकर दूसरे साधन से मेरठ के लिए निकल गए होते। यानी बुधवार को रेलवे स्टेशन पर तैनात रहने वाले अफसरों और कर्मचारियों की गैरजिम्मेदाना हरकत और असहयोगपूर्ण हरकत ने बुधवार को यहां यात्रियों को खूब परेशान किया। घंटों बाद भी जब कोई ट्रेन नहीं आई तो परेशान होकर लोगों को निजी वाहनों या फिर रोडवेज बसों का सहारा लेना पड़ा । गौरतलब है कि इससे पहले भी कई बार ट्रैक पर कार्य के चलते केएम यानी खुर्जा मेरठ पैसेन्जर ट्रैन रदद् हो चुकी है।