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बुलंदशहर

गोवर्धन पूजा आज, इस शुभ मुहूर्त में पूजन करने से घर में आएगी सुख-समृद्धि

Highlights- श्री कृष्ण ने इंद्र के अंहकार को तोड़कर इसी दिन बचाया था ब्रजवासियों और गौ धन को- पूजन की अवधि केवल 02 घण्टे 14 मिनट तक- गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है

बुलंदशहरOct 28, 2019 / 11:19 am

lokesh verma

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बुलंदशहर. आज गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाएगा। दिवाली के अगले दिन की जाने वाली गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन गौ माता और गोवर्धन पर्वत की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। ये पूजा भगवान श्री कृष्ण की लीला से जुड़ी है। पंडित राज शर्मा कहते हैं कि पुराणों में गोवर्धन पर्वत के राजा भगवान हरि के प्रिय हैं। एक बार श्री कृष्ण ने इंद्र के अंहकार को तोड़ा था, जिसके पीछे उनका उद्देश्य ब्रजवासियों की रक्षा और गौ धन को बचाना था। गौ माता की महत्ता को बताने के लिए ही गोवर्धन पूजा करने का विधान है। इस दिन गाय की सेवा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन जो भी श्रद्धापूर्वक भगवान गोवर्धन की पूजा करता है, उसे सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
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गोवर्धन की कहानी (Govardhan Puja Katha)

पंडित राज शर्मा कहते हैं कि पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापर युग में ब्रज में इंद्र की पूजा की जाती थी, लेकिन श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों से कहा कि हमे इंद्र की पूजा करके कोई लाभ नहीं होता। वर्षा करना तो उनका कर्म और दायित्व है और वह सिर्फ अपना कर्म कर रहे हैं। वहीं गोवर्धन पर्वत हमारी गायों का संरक्षण और भोजन उपलब्ध कराते हैं, जिसकी वजह से वातावरण भी शुद्ध होता है। इसलिए हमे इंद्रदेव की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए।
श्री कृष्ण की बात को समझते हुए सभी ने गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी शुरु कर दी, जिससे इंद्र क्रोधित हो उठे और मेघों को आदेश दिया की गोकुल का विनाश कर दो। इसके बाद गोकुल में भारी बारिश होने लगी। भगवान श्री कृष्ण ने सभी गोकुल वासियों को गोवर्धन पर्वत के संरक्षण में चलने के लिए कहा, जिसके बाद श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठिका उंगली यानी हाथ की सबसे छोटी उंगली पर उठा लिया और सभी ब्रजवासियों की इंद्र के प्रकोप से रक्षा की।
इंद्र ने अपने पूरे बल का प्रयोग किया, लेकिन उनकी एक न चली। जब इंद्र को ज्ञात हुआ कि भगवान श्री कृष्ण विष्णु भगवान का ही अवतार हैं तो उन्हें अपनी भूल का अहसास हुआ और वह भगवान श्री कृष्ण से क्षमा मांगने लगे। तब ही से गोवर्धन पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है।
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त

गोवर्धन पूजा मुहूर्त – दोपहर 03:27 बजे से शाम 05:41 बजे तक
अवधि – 02 घण्टे 14 मिनट

द्यूत क्रीड़ा

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – सुबह 09:08 बजे से
प्रतिपदा तिथि समाप्त – शाम 06:13 बजे तक

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