बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा के मामले में भाजपा सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं। जहां हिंसा में मारे गए स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिजन जांच से संतुष्ट नहीं हैं और मुख्य आरोपी के न पकड़े जाने पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं 83 रिटायर आईएएस अफसरों ने भी इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नाराजगी जताई है। इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस्तीफा मांगा है।
सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल रिटायर आईएएस अधिकारियों का यह खत सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें कई अधिकारियों के नाम दिए गए हैं। सीएम से इस्तीफा मांगने वाले लेटर पर पूर्व अफसर बृजेश कुमार, अदिति मेहता, सुनील मित्रा जैसे कई बड़े अफसरों के नाम दिए गए हैं। लेटर में कहा गया है कि इससे पहले कभी इस तरह की नफरत की राजनीति नहीं हुई है। अल्पसंख्यकों के खिलाफ कभी इतनी नफरत नहीं देखी गई है। उन्होंने इस नफरत भरी राजननीति के खिलाफ सबको एक होने का कहा। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ को विफल बताते हुए उनसे इस्तीफे की मांग की। उन्हाेंने आरोप लगाया कि बुलंदशहर हिंसा को राजनीतिक रंग दिया गया है।
हाईकोर्ट से की गुजारिश इसके साथ ही उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच कराने की गुजारिश की। बुलंदशहर हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि भीड़ द्वारा एक पुलिस वाले की हत्या किया जाना बहुत दर्दनाक है। इससे कानून-व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपना काम पूरी इमानदारी से किया।
3 दिसंबर को हुई थी हिंसा आपको बता दें कि 3 दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र के चिंगरावठी चौकी पर गौकशी की अफवाह के बाद हिंसा भड़क गई थी। इसमें स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और युवक सुमित की गोली लगने से मौत हो गई थी।
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