Bollywood Movies on AIDS: एड्स के मरीजों के दर्द को समझ पाना वास्तव में उतना ही कठिन है, जितना समंदर को मीठा कर पाना। हालांकि, फिल्म इंडस्ट्री ने कई ऐसी फिल्मों का निर्माण किया है, जो एड्स पर खुलकर बात करती हैं।
दुनिया भर में 1 दिसंबर को एड्स (एक्वायर्ड इम्यूनो डेफ़िशिएंसी सिंड्रोम) दिवस मनाया जाता है। फिल्मों के जरिये भी इस खतरनाक बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाई गई है। ये फिल्में न केवल मरीजों की संवेदना को छूती हैं, कई मिथकों को भी तोड़ती नजर आती हैं। चलिए जानते हैं बॉलीवुड में इस गंभीर विषय पर बनी फिल्मों के बारे में…
बॉलीवुड स्टार सलमान खान, शिल्पा शेट्टी और अभिषेक ने फिल्म ‘फिर मिलेंगे’ में साथ काम किया था। फिल्म का विषय वास्तव में शानदार कहा जा सकता है। रेवती मेनन के निर्देशन में बनी फिल्म में एड्स को न केवल एक समस्या के रूप में बल्कि उससे लड़ने, जागरूकता और समाज के योगदान को शानदार अंदाज में दिखाया गया।
साल 2005 में रिलीज ‘माई ब्रदर निखिल’ एड्स पर बनी फिल्म है। इममें लीड रोल एक्ट्रेस जूही चावला के साथ संजय सूरी और पुरब कोहली ने प्ले किया था। फिल्म का निर्देशन ओनिर ने किया है।
प्यार में कभी कभी
‘प्यार में कभी कभी’ साल 1999 में रिलीज हुई थी। फिल्म भले ही पूरी तरह से एड्स पर नहीं थी, लेकिन कहानी में शानदार तरीके से एड्स की समस्या को दिखाया गया है। दरअसल, फिल्म के नायक को ही एड्स हो जाता है और पूरी कहानी एक अलग दिशा में मुड़ जाती है। फिल्म में डिनो मोरिया के साथ लीड रोल में रिंकी खन्ना और संजय सूरी हैं।
इसमें निशा बैंस, संजय दत्त, शिवाजी साटम, रीमा लागू, महेश मांजरेकर जैसे कलाकार हैं। इस मूवी में एक युवा लड़की सौम्या (निशा बैंस) की कहानी है, जो रक्तदान अभियान में भाग लेने के बाद एचआईवी के लिए सकारात्मक परीक्षण करती है। वायरस से संक्रमित होने के बाद उसे जीवन में पहली बार सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। निदान ने दर्शकों के लिए उस समय एक वास्तविकता की जांच की जब एचआईवी-एड्स एक बहुत बड़ा सामाजिक कलंक था।