सुनील दत्त अपनी जगह से नहीं हिले दरअसल सुनील दत्त ने अपने करियर की शुरआत 1955 में आई फिल्म ‘रेलवे प्लैटफॉर्म’ से की थी। इस फिल्म के डायरेक्टर रमेश सहगल थे। सुनील दत्त पहली बार कैमरा के आगे एक्टिंग कर रहे थे। सब ठीक चल रहा था। पर एक दिन जब सीन शूट करने के लिए सब सेट किया गया, तो रोल बोलते ही सारा सेट-अप तैयार हो गया। रोल कैमरा एक्शन..के बाद भी सुनील दत्त अपनी जगह से नहीं हिले।
एक बार, दो बार .. ऐसा होने पर लगातार री-टेक होने लगे। जिससे फिल्म के डायरेक्टर अब परेशान होने लगे। बार बार एक ही गलती होने पर डायरेक्टर सुनील दत्त पर भड़क गए और चिल्लाते हुए उन्होनें सुनील दत्त से कहा- ‘इसमें डरने वाली क्या बात है? कैसा मर्द है तू?’ जब सुनील दत्त ने अपने लिए डायरेक्टर के मुंह से ऐसा सुना तो उन्हें बहुत बुरा लगा और खुद को अपमानित महसूस किया।
बेईज्जती के बाद आंखों में आंसू आ गए अपनी इस बेईज्जती के बाद उनकी आंखों में आंसू आ गए और दौड़कर वो अपने मेकअप रूम में चले गए। वहीं, ऐहसास होने पर फिल्म के डायरेक्टर सुनील दत्त के पीछे पीछे मेकअप रूप में जा पहुंचे। इस दौरान रमेश सहगल ने दत्त साहब को समझाया कि मैं तुम्हारे पिता के जैसा हूं, तो तुम्हारे अच्छे के लिए तुम्हें डांट भी तो लगा सकता हूं। चलो अब इसे सकारात्मक रूप से देखो और वापस आजाओ।
सुनील दत्त अब सेट पर आने से पहले थोड़ा रुके। उन्होंने गहरी सांस ली और खुद से वादा किया कि अब वह ऐसा नहीं करेंगे। वह अपनी सारी झिझक खत्म कर देंगे। वहीं, उस दिन उन्होंने एक कसम और खाई। जब कभी भविष्य में वह डायरेक्टर बनेंगे और कोई पिक्चर बनाएंगे, तो कभी भी सेट पर किसी के भी साथ ऐसा व्यवहार नहीं करेंगे।
‘मदर इंडिया’ ने बनाया बालीवुड स्टार आपको बता दें, सुनील दत्त फिल्मों में आने से पहले दक्षिणी एशिया के सबसे पुराने रेडियो स्टेशन सीलोन पर वह सेलेब्स के इंटरव्यू करते थे। इसके बाद उन्होंने हिंदी फ़िल्मों में एक्टिंग करने का मन बनाया और बॉम्बे आ गए। अपनी पहली फिल्म “रेलवे स्टेशन” से उन्हें कुछ खास पहचान नहीं मिली। फिर इसके बाद 1957 में आई ‘मदर इंडिया’ ने उन्हें बालीवुड का फिल्म स्टार बना दिया।