श्रुति ने बताया कि फिल्म के सेट पर अक्सर हीरो को अधिक महत्व दिया जाता है। चूंकि अधिकांश महिलाएं अपने डिफेंस के लिए चुप रहना पसंद करती हैं। ऐसे में मुझे चीजों को नेविगेट करने में लंबा समय लगा। कुछ लोगों को मेरा सेट पर बैठकर किताबें पढ़ना भी अटपटा लगता था। मेल डोमिनेंट सोसाइटी के चलते जेंडर गैप ज्यादा है और इसलिए फिल्म के सेट पर भी ज्यादा देखभाल हीरो की होती है। ‘पहले हीरो के लिए कुर्सी रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि मेरी पहली कुछ फिल्मों में, मुझे एक बार भी कुर्सी की पेशकश नहीं की गई थी।