सतीश कौशिक (Satish Kaushik Death) का जन्म 13 अप्रैल 1965 को हरियाणा में हुआ था। बॉलीवुड में शुरुआत करने से पहले उन्होंने थिएटर में काम किया था। फिल्म अभिनेता के रूप में सतीश कौशिक को 1987 में आई फिल्म मिस्टर इंडिया के कैलेंडर से पहचान मिली। 1997 में दीवाना मस्ताना में पप्पू पेजर का किरदार निभाकर उन्होंने इस किरदार को हमेशा के लिए अमर कर दिया। सतीश कौशिक को 1990 में राम लखन के लिए और 1997 में साजन चले ससुराल के लिए सर्वश्रेष्ठ कॉमेडियन का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।
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उन्होंने ‘मिस्टर इंडिया’, ‘दीवाना मस्ताना’, ‘साजन चले ससुराल’ जैसी कई फिल्मों में काम किया। उन्होंने ‘रूप की रानी चोरों का राजा’, ‘प्रेम’, ‘हम आपके दिल में रहते हैं’ और ‘तेरे नाम’ जैसी फिल्मों का निर्देशन भी किया है। उनकी जिंदगी की आखरी फिल्म (Satish Kaushik Last Film) थी निर्देशक विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri The Kashmir Files) की ‘द कश्मीर फाइल्स’। इस फिल्म में उनके किरदार ने सभी के दिलों को एक बार फिर से छू लिया था।
कपिल शर्मा के शो पर एक बार ‘सतीश कौशिक’ (Satish Kaushik) ने अपनी जिंदगी का सबसे स्पेशल वाक्या शेयकर किया था। उन्होंने उस दौरान यह बताया था कि उन्हें फिल्म मंडी के लिए कास्ट कैसे किया गया था। ये उनके करियर की शुरुआती फिल्मों में से एक थी। सतीश कौशिक अपने लुक्स को लेकर हमेशा चिंता में रहते थे, लेकिन श्याम बेनेगल की इस क्लासिक फिल्म में उन्हें काम मिला और पहचान भी मिली। उन्होंने बताया कि उस वक्त उन्हें किड़नी स्टोन के बारे में पता चला था। वह अस्पताल से एक्स रे कराकर लौट रहे थे। तभी सतीश कौशिक को निर्देशक श्याम बेनेगल का फोन आया उन्होंने उनकी एक फोटो मांगी। लेकिन उस वक्त सतीश के पास उनके एक्स-रे के अलावा कुछ नहीं था। उनके पास उस समय उनकी एक भी फोटो नहीं थी। फिर उन्होंने श्याम बेनेगल से कहा कि उनके पास फोटो तो नहीं है लेकिन उनके पास एक्स-रे रिपोर्ट जरूर है। इसके साथ ही उन्होंने फोन पर यह भी कहा कि वह अंदर से बहुत अच्छा इंसान हैं। बस फिर क्या था श्याम बेनेगल को सतीश कौैशिक का यह हंसमुख अंदाज इतना पसंद आया की उन्होंने बिना किसी देरी के सतीश कौशिक को अपनी फिल्म ‘मंडी’ (Mandi) के लिए तुरंत ही साइन कर लिया था।