पचास के दशक में सरोज ने बतौर बैकग्राउंड डांसर काम करना शुरू कर दिया। सरोज ने फेमस डांसर बी.सोहनलाल से कथक, मणिपुरी, कथकली, भरतनाट्यम आदि नृत्य शैली का प्रशिक्षण लिया और 13 साल की उम्र में उन्होंने 41 साल के सोहनलाल से शादी कर ली। सोहनलाल पहले से ही शादीशुदा और चार बच्चों के पिता थे।
एक इंटरव्यू में सरोज खान ने बताया था कि जब उनकी शादी हुई, उस वक्त वह स्कूल जाया करती थीं। उन्हें शादी के मायने नहीं पता थे। मास्टर सोहनलाल ने उनके गले में एक धागा बांध दिया। उन्हें लगा कि उनकी शादी हो गई है। सरोज खान ने वर्ष 1974 में प्रदर्शित फिल्म ‘गीता मेरा नाम’ से स्वतंत्र कोरियोग्राफर के तौर पर काम करना शुरू किया।
वर्ष 1986 में प्रदर्शित फिल्म ‘नगीना’ सरोज खान के सिने कॅरियर के लिए अहम फिल्म साबित हुई। इस फिल्म में सरोज ने श्रीदेवी को ‘मैं तेरी दुश्मन गाने’ के लिए कोरियोग्राफ किया, जो काफी हिट साबित हुआ और इसी गाने की वजह से फिल्म इंडस्ट्री में उन्होंनें अपनी पहचान बनाई। इसके बाद सरोज खान ने वर्ष 1987 में प्रदर्शित सुपरहिट फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ फिल्म के गाने हवा-हवाई और काटे नहीं कटते दिन ये रात में एक बार फिर श्रीदेवी को कोरियोग्राफ किया जो बेहद पसंद किया गया। इसके बाद उन्होंने न जाने कितने दिग्गज स्टार्स को कोरियोग्राफ किया।