जब शाहरुख खान और अजय देवगन ने फिल्म करने से मना कर दिया तो राकेश रोशन ये फिल्म लेकर सलमान खान और आमिर खान के पास चले गए। मगर आमिर ने उन्हें ये फिल्म छ: महीने बाद शुरू करने की बात कही, मगर राकेश रोशन को ये फिल्म तुरंत ही शुरु करनी थी। मगर जब शाहरुख को पता चला कि आमिर बिजी हैं तो उन्होंने राकेश रोशन के पास फोन किया कि वो इस फिल्म को करने के लिए तैयार हैं। फिर राकेश रोशन ने आमिर को पूरी बात बताई और आमिर को कोई एतराज न होने पर शाहरुख को फिल्म में वापस ले लिया गया।
राकेश रोशन ने सलमान और शाहरुख दोनों को फिर इस फिल्म की कहानी सुनाई तो दोनों को फिल्म की किसी न किसी सीन पर आपत्ति थी। और शाहरुख को पुनर्जन्म की इस कहानी पर विश्वास भी नहीं था। उन्होंने राकेश रोशन से कहा कि मैं ये फिल्म सिर्फ आपके भरोसे पर कर रहा हूं। मुझे नहीं पता की लोगों को ये फिल्म पसंद आएगी भी की नहीं और पता नहीं उनका क्या रिएक्शन होगा।
मगर फिल्म सुपरहिट साबित हो गई और शाहरुख ने अपनी गलती स्वीकार की और सभी से उन्होंने माफी भी मांगी क्योकिं उन्हें इस कहानी और फिल्म पर विश्वास नहीं हो रहा था। इस फिल्म के रिलीज होने से पहले सलमान और शाहरुख सुपरस्टार बन चुके थे, और दोनों सुपरस्टार को एक साथ एक फिल्म में देखने के लिए दर्शक बहुत बेताब थे। जिस दिन यह फिल्म रिलीज होनी थी उस दिन वितरकों ने डिसाइड किया था कि दिन में 12 बजे से पहले इस फिल्म को नहीं दिखाएंगे। मगर राकेश रोशन के फोन की घंटी उस दिन रात तीन बजे ही बज उठी। उस वक्त मोबाइल होते नहीं थे तो उन्हें लगा कि कोई मजाक कर रहा है।
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एक वितरक ने जो मध्यप्रदेश का रहने वाला था उसने फोन करके राकेश रोशन को बताया की उसने पहला शो खोल दिया है क्योकिं पब्लिक पागल हो रही है। मगर जब राकेश रोशन को विश्वास नहीं हुआ तो उसने दर्शकों की भरी भीड़ की आवाजें फोन पर सुनाई। तब जाकर राकेश रोशन को विश्वास हुआ। आपको बतां दे कि यह फिल्म किसी हिंदी फिल्म का रिलीज के दिन इतनी जल्गी हुआ पहला शो बन गया। इसके बाद इस फिल्म को सुबह 6 बजे और 9 बजे भी दिखाया गया। कहा इस फिल्म को 12 बजे दिखाने की बात हुई थी और 12 बजने से पहले ही 3 शो दिखाए जा चुके थे। यहा तक की तीनों शो हाउसफुल और उसके बाद के भी शो एडवांस बुकिंग में ही फुल हो गए थे।
आपको बता दें, पहले इस फिल्म का नाम ‘कायनात’ रखा गया था। मगर फिल्म के निर्देशन के दौरान राकेश रोशन को इतनी बार करन और अर्जुन बोलना पड़ता था कि उन्हें लगा कि इस फिल्म का नाम ‘करन अर्जुन’ रखना बेहतर होगा। आपको बता दें, इस फिल्म में जो स्टंट डायरेक्टर थे वो अजय देवगन के पिता वीरू देवगन थे। फिल्म की शूटिंग के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि उनके बेटे ने ये फिल्म छोड़ कर बहुत बड़ी गलती कर दी है।
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