दरअसल रेखा ने अपने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में बताया कि वो नहीं चाहती थीं कि वह एक्टिंग करियर को अपनाएं। मगर उनकी बिना इच्छा के रेखा ने 3 साल की उम्र में ही फिल्म इंडस्ट्रि में काम करना शुरू कर दिया था। जब वो 13 साल की हुईं तब वो एक्टिंग नहीं करना चाहती थीं। उन्होंने कहा – “मैं ओवरनाइट स्टार बन गई थी। मैं बहुत छोटी थी उस वक्त। मैं नहीं चाहती थी कि मैं कभी एक्ट्रेस बनूं, आप और स्टार्स से पूछेंगे तो वो बताएंगे कि वह तो बचपन से बनना चाहते थे एक्टर, मेरे केस में उल्टा है मुझे तो मार मार के बनाया गया। 3 साल की उम्र से मैंने काम करना शुरू कर दिया था। 13 साल की उम्र में मैं बंबई आई थी।”
उनके फिल्मों और एक्टिंग की तरफ कोई रुझान न होने के बावजूद उनकी फिल्मों को दर्शकों का खुब प्यार मिला और वो फिल्में कर रही हैं। रेखा ने अपने फिल्म में एंट्री को लेकर भी बात की, उन्होंने कहा – “कुलजीत पाल औऱ शत्रुजीत पाल दोनों हिरोइन की तलाश में थे, वह मद्रास आए थे, तो उन्हें किसी ने कहा कि एक साउथ इंडियन लड़की है। थोड़ी बहुत हिंदी बोल लेती है। लेकिन मैं हिंदी नहीं जानती थी। तो वो लोग मुझे देखने आए। वो मेरी मां के पास आए। फिर मुझसे पूछने लगे-‘आपको हिंदी आती है’, तो मैंने कहा ‘नो’। उन्होंने कहा, ‘आपको हिंदी फिल्मों में काम करना है?’ तो मैंने कहा ‘नो’। तो वो बोले ‘ठीक है आपको कल आकर के साइन कर लेते हैं हम।’ मुझे लगता है कि ये भाग्य में था, तो मिला।”
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धर्मेंद्र और विनोद खन्ना की दोस्ती के बीच इस एक्ट्रेस ने डाल दी थी दरार रेखा ने बताया- “मेरे माता पिता भी साउथ में एक्टर थे। मेरी मां बड़ी कलाकार थीं। तो वो बहुत चाहती थीं कि मैं भी एक्ट्रेस बनूं। पहली पिक्चर के बाद भी मेरा ज्यादा काम करने का मन नहीं हुआ। कम से कम 6-7 साल तक मैं जबरदस्ती ये काम करती रही। दिन की 2 शिफ्ट किया करती थी, मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता था।”
आपको बतां दें रेखा एयर होस्टेस बनना चाहती थीं, मगर उनकी किस्मत उन्हें बॉलीवुड में खींच ले आई और अब तक वो लगभग 180 से भी ज्यादा फिल्में कर चुकीं है। उनकी हिट फिल्मों में ‘मुकद्दर का सिकन्दर’, ‘उमराव जान’, ‘खूबसूरत’, ‘सिलसिला’, ‘खून भरी माँग’, ‘मिस्टर नटवरलाल’, ‘घर’, ‘उत्सव’, ‘इजाजत’ और ‘आस्था’ जैसी फिल्में रहीं है।
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