फिल्में छोड़ने के बाद परिवार भी हुआ दूर:
किसी समय नलिनी सफलता के शिखर पर पहुंच गई थीं। लेकिन फिल्मों को अलविदा कहने के बाद वह गुममानी की जिंदगी जीने को मजबूर हो गई थीं। आखिरी समय में परिवार वालों ने भी उनका साथ छोड़ दिया था। यहां तक की बॉलीवुड ने भी उन्हें भुला दिया था।
तीन दिन तक घर में पड़ी रही थी लाश:
जब नलिनी की मौत हुई तो किसी को भनक तक नहीं लगी। करीब तीन दिन तक उनकी लाश घर में पड़ी रही थी। उस समय यह चर्चा थी कि अभिनेत्री की मौत रहस्यमयी हालत में हुई थी। एक अनजान व्यक्ति नलिनी के पार्थिव शरीर को एम्बुलेंस में रखकर ले गया। इस बारे में पुलिस में भी कोई शिकायत नहीं की गई थी।
नलिनी ‘समाधि’ और ‘संग्राम’ जैसी फिल्मों के जरिए बॉलीवुड की टॉप अभिनेत्रियों में शुमार हो गई थीं। अशोक कुमार के साथ उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया गया। इन दोनों ने ‘काफिला’, ‘जलपरी’, ‘लकीरें’, ‘मिस्टर एक्स’ और ‘तूफान में प्यार कहां’ जैसी फिल्मों में साथ काम किया।
निभाया अमिताभ की मां का रोल:
60 का दशक में नलिनी को फिल्मों में काम मिलना बंद हो गया। इसके बाद वह अपनी निजी जिंदगी में व्यस्त हो गईं। वर्ष 1983 में आई फिल्म ‘नास्तिक’ में उन्होंने अमिताभ बच्चन की मां का रोल निभाया।