दरअसल, मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ( Mumbai police commissioner conference) ने कॉनफ्रेंस में कहा कि ‘सुशांत सुसाइड केस में बिहार पुलिस ( Bihar police cannot investigate sushant suicide case ) को जांच करने का कोई अधिकार नहीं है। मुंबई पुलिस द्वारा चल रही जांच बिल्कुल पारदर्शी है और बिल्कुल ठीक दिशा में चल रही है। मुंबई पुलिस कमिश्नर के इस बयान से बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( Bihar CM Nitish Kumar ) ने आपत्ती जताई है। वहीं इस पूरे मामले पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ( Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh ) ने अपना बयान देते हुए कहा कि ‘मुंबई पुलिस पेशेवर तरीक के जांच में जुटी हुई है। बिहरा में दर्ज हुई शिकायत मुंबई पुलिस को सौंप देनी चाहिए थी, क्योंकि जिसके अधिकार क्षेत्र में अपराध हुआ है। उसी जगह को जांच का अधिकार होता है। अनिल देशमुख ने यह भी बताया कि वह कानूनी विशेषज्ञ से भी इस मामले में राय ले रहे हैं।’
सुशांत केस में बिहार पुलिस को ( Bihar police investigate sushant case ) जांच करने का अधिकार है या नहीं और यदि बिहार पुलिस के पास यह अधिकार है तो उन्हें यह साबित करना होगा। सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस ( 56 People statement in sushant singh rajput suicide case ) में अब तक 56 लोगों से बातचीत कर उनका बयान दर्जा किया जा चुका है। वहीं बीएमसी ने विनय तिवारी को क्वांरटीन ( IPS Vinay tiwari Qurantine ) करने के मामले में सफाई देते हुए कहा है कि वह कोरोनावायरस के नियमों ( Coronavirus regulations ) के तहत ही अधिकारी को क्वांरटीन किया गया है। इन सब बातों को देखते हुए और आईपीएस तिवारी संग हुए बर्ताव को देखते हुए बिहार मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने कहा कि बिहार के पुलिस महानिदेशक महाराष्ट्र के अधिकारियों से बात करेंगे। यह मुद्दा राजनीतिक नहीं है।