पुस्तैनी घर में ली अंतिम सांस
शुक्रवार की रात रतन उर्फ रवि चोपड़ा ने पंजाब के मलेर कोटला में अपने पुस्तैनी घर पर अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से कैंसर जूझ रहे थे। लेकिन उनकी माली हालत इतनी खराब थी कि वे किसी अच्छे अस्पताल में इलाज नहीं करा सके। वे और उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था।
लंगर में भोजन कर करते थे गुजारा
रवि चोपड़ा एक एक पैसे के लिए मोहताज हो रहे थे। उनके पास दो वक्त की रोटी खाने के भी पैसे नहीं थे। वे कभी गुरुद्वारा में तो कभी मंदिरों में लगने वाले लंगर में खाना खाकर अपना पेट भरते थे। वे पिछले काफी समय से पंचकूला के सेक्टर 26 में किराए के मकान में रहते थे।
गोद ली हुई बेटी ने की मौत पुष्टि
रवि चोपड़ा की गोद ली हुई बेटी अनीता ने उनकी मौत की खबर की पुष्टि की। रतन उर्फ रवि चोपड़ा का असली नाम अब्दुल जब्बार खान था। ‘मोम की गुड़िया’ फिल्म करने के बाद रतन के पास करीब 10 फिल्मों के ऑफर आए थे। इन फिल्मों में लोफर, आया सावन झूम के और जुगनू जैसी फिल्में शामिल हैं जिनमें बाद में अभिनेता धर्मेंद्र ने काम किया। फिल्में छोड़ने को लेकर जब रतन से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मैंने फिल्म करने की बात अपने घरवालों को नहीं बताई थी और जब फिल्म रिलीज तो उनकी दादी ने देखा तो वे बहुत नाराज हो गई थी। इसलिए फिल्मों से दूरी बनाने का फैसला लिया।