ट्रिपल तलाक कानून के वक्त एक पोस्ट से शुरू हुआ ये किस्सा
साल 2017 में केंद्र की सरकार तीन तलाक के खिलाफ कानून लेकर आई थी। ये बिल बेहद चर्चा में रहा और इस पर टीवी से लेकर सोशल मीडिया पर भारी बहस हुई। इसी बीच एक सोशल मीडिया पोस्ट मीना कुमारी के बारे में वायरल हुई। इस पोस्ट में लिखा गया कि तीन तलाक और हलाला से तो मशहूर एक्ट्रेस मीना कुमारी भी ना बच सकीं। उनको कमाल अमरोही ने तीन बार तलाक-तलाक कह दिया था। कमाल को जब इसका पछतावा हुआ तो उन्होंने मीना से निकाह करना चाहा। इसके लिए हलाला जरूरी था तो उन्होंने अपने दोस्त, एक्ट्रेस जीनत अमान के पिता अमानउल्लाह खान से मीना की शादी करा दी। इसके बाद अमान ने कुछ दिन मीना कुमारी के साथ गुजारकर यानी हलाला करने के बाद उनको तलाक दे दी। इसके बाद फिर से मीना और कमाल की शादी हुई।
मीना कुमारी के बारे में कही गई ये बात सिर्फ किसी के दिमाग की उपज थी और इस बात में सच्चाई नहीं है। इसके लिए 3 अहम लोगों के बयान सामने आए।
मीना कुमारी के बेटे ने ही किया खंडन
मीना कुमारी के बारे में ये पोस्ट वायरल होने और कंगना के इस पर बयान देने के बाद ताजदार अमरोही खुद मीडिया में आए। ताजदार मीना कुमारी के सौतेले बेटे हैं। ताजदार का ये बयान हमने भी तब चलाया था जिसे यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है। ताजदार ने कंगना को नासमझ कहते हुए उनके दावे को एकदम बचकाना बताया था। ताजदार ने कहा था, ये सच है कि छोटी अम्मी (मीना कुमारी) और मेरे अब्बू कमाल अमरोही के बीच रिश्ते ठीक नहीं थे। दोनों अलग घरों में रहते थे लेकिन तीन तलाक और हलाला जैसी बातें बिल्कुल ही बेबुनियाद हैं। कंगना को कम से कम ये पता होना चाहिए कि हम शिया मुसलामान हैं और हमारे यहां हलाला जैसी प्रथा है ही नहीं। कंगना को हमारे परिवार को बदनाम करने के लिए तुरंत माफी मांगनी चाहिए। उनको हमारे बारे में इस तरह कुछ भी बोलने का कोई हक नहीं है। ताजदार ने कहा था कि कंगना अनपढ़ हैं इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं कर रहा हूं लेकिन वो माफी मांग लें और आगे से ऐसा कुछ ना कहें।
मीना कुमारी की बायोग्राफी में इसका जिक्र नहीं
मशहूर पत्रकार और लेखक विनोद ने मीना कुमारी की बायोग्रोफी ‘मेन हू लव्ड एंड लेफ्ट मीना कुमारी’ लिखी है। विनोद ने मीना कुमारी की जिंदगी की तमाम बातें इस किताब में लिखी है लेकिन तीन तलाक फिर हलाला उसके बाद फिर से कमाल अमरोही से निकाह होने की बात कहीं नहीं कही है। अगर 60 के दशक में ये सब हुआ था तो तब ये बात कोई ढकी छुपी नहीं रह सकती थी। उसक वक्त तो मीना कुमारी, कमाल अमरोहवी और अमानउल्लाह खान तीनों ही इंडस्ट्री के बहुत बड़े नाम थे, ऐसे में कैसे उस वक्त ये चर्चा में नहीं आया। फिर क्या ये संभव है कि मीना कुमारी की जिंदगी की इतनी बड़ी घटना को उनकी बायोग्रफी लिखने वाला रायटर उनकी बायोग्राफी में बिल्कुल जगह ना दे।
इतिहासकार राना सफवी का तर्क
मीना कुमारी के बारे में जब ये बहस शुरू हुई और लगातार इसे सोशल मीडिया में पोस्ट किया गया तो एक अहम नाम राना सफवी का था, जिन्होंने बताया कि क्यों इस बात में दम नहीं है। हिस्टोरियन राना सफवी ने कंगना के बयान के बाद अगस्त 2017 में एक ट्वीट करते हुए लिखा था, कंगना कुछ भी बोल देती हैं। कमाल और मीना दोनों ही शिया थे, तीन तलाक और हलाला की प्रथा सुन्नियों के बीच की है ना कि शियाओं की।
1952 में हुई थी मीना और कमाल की शादी
मीना कुमारी ने करीब 19 साल की उम्र में 1952 में मशहूर राइटर-डायरेक्टर कमाल अमरोही से शादी की था। कमाल उस वक्त 34 साल के थे। शादी के कुछ साल बाद ही ये रिश्ता बिगड़ने लगा और 1962-63 तक झगड़े इतने बढ़ गए कि मीना अलग रहने लगीं। कई तरह की बीमारियों और आर्थिक तंगी से जूझते हुए 38 साल की उम्र में 1972 में मीना कुमारी दुनिया छोड़ गईं।