‘चलो बुर्का पहनकर नमाज पढ़ो’, जब पार्टी के दौरान शाहरुख ने गौरी से कहा, परिवार रह गया था हक्का-बक्का
बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) ने अपनी शादी के बाद पत्नी गौरी खान (Gauri Khan) से बुर्का पहनने और नमाज पढ़ने के लिए कहा था। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों शाहरुख ने ऐसा कहा था?
बॉलीवुड के ‘किंग खान’ यानी शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) और उनकी पत्नी गौरी खान (Gauri Khan) इंडस्ट्री के सबसे पावरफुल कपल्स में से एक माने जाते हैं। ये कई मौकों पर जाहिर भी हो चुका है कि ये कपल शादी के कई साल बाद भी एक दूसरे से उतना ही प्रेम करता है, जितना कि पहले करता था। इनकी प्रेम कहानी के बारे में हो सकता कि लोगों को बहुत कुछ पता हो, लेकिन यहां हम आपको इस कपल से जुड़ी एक ऐसी स्टोरी बताने जा रहे हैं जिसे शायद ही आपने अब तक सुना हो।
वैसे तो, शाहरुख खान और गौरी की शादी को 28 साल पूरे हो गए हैं, लेकिन इनकी शादी से जुड़े एक पहलू के बारे में लोग बहुत कम ही जानते हैं। तो आइए हम आपको उससे रूबरू कराते हैं।
यह भी देखें- Sidharth Shukla की मौत के बाद Shehnaaz Gill ने बताया रिश्ते का सच आपको ये बात जानकर हैरानी होने वाली है कि इस जोड़ी को एक-दूसरे का साथ पाने के लिए खूब पापड़ बेलने पड़े थे। दोनों की पहली मुलाकात साल 1984 में एक कॉमन फ्रेंड की पार्टी के दौरान हुई थी। तब शाहरुख सिर्फ 18 साल के थे, तब उन्होंने शुरुआत भी नहीं की थी। शाहरुख एक पार्टी में गए थे, जहां उन्होंने देखा कि गौरी किसी और लड़के के साथ डांस कर रही हैं। पहली ही नज़र में गौरी उन्हें पसंद आ गईं। उस समय गौरी डांस करने में शरमा रही थीं। शाहरुख ने हिम्मत जुटाई और गौरी को डांस के लिए पूछा। लेकिन गौरी ने बिना किसी खास इंट्रेस्ट देते हुए कहा कि वो अपने बॉयफ्रेंड का इंतजार कर रही हैं। गौरी का इतना कहना था कि शाहरुख के सारे सपने चकनाचूर हो गए। लेकिन असलियत तो ये थी कि गौरी का कोई बॉयफ्रेंड नहीं था। गौरी का भाई उनके साथ था इसलिए उन्होंने झूठ बोला था। ये बात शाहरुख ने अपने एक इंटरव्यू में बताई थी। जब शाहरुख को ये बात पता चली तो उन्होंने गौरी से जाकर कहा, ‘मुझे भी अपना भाई समझो।’ तभी से ये खूबसूरत रिश्ता शुरू हो गया। और फिर धीरे-धीरे दोनों प्यार में पड़ गए।
यह भी देखें- जानिए क्यों काजोल का नाम मर्सिडीज रखना चाहते थे माता-पिता दरअसल, जहां शाहरुख़ खान एक मुस्लिम परिवार से थे तो वहीं गौरी एक हिंदू ब्राह्मण परिवार से थीं। ऐसे में दोनों को शादी करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। ऐसा इसलिए क्योंकि गौरी के पैरेंट्स इस शादी के लिए तैयार नहीं थे। कहा जाता है कि शादी के लिए शाहरुख 5 साल तक गौरी के परिवार के सामने हिंदू बने रहे। शादी की एक बड़ी अड़चन ये भी थी कि ये वो दौर था जब शाहरुख फिल्मों के लिए स्ट्रगल कर रहे थे, लेकिन आखिरकार उनके प्यार की जीत हुई और फिर दोनों ने 26 अगस्त 1991 को कोर्ट मैरिज कर ली। कोर्ट मैरिज करने के बाद शाहरुख और गौरी का निकाह भी हुआ था। इस दौरान गौरी का नाम ‘आयशा’ रखा गया। निकाह करने के बाद दोनों ने 25 अक्टूबर 1991 को हिंदू रीति-रिवाजों शादी रचाई थी। इस तरह से दोनों ने तीन बार शादियां कीं।