स्लो प्वॉइजन देकर किया जा रहा था लता जी की मौत का इंतजार,ये शख्स चखने लगे थे उनका खाना
उन्होंने साल 1942 में ‘किटी हसाल’ के लिए अपना पहला गाना गाया। लेकिन उनके पिता को उनका फिल्मों के लिए गाना पसंद नहीं आया। लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से उन्हें फिल्मों में गाना पड़ा। वह अक्सर रंगमंच के कार्यक्रमों में गाया करती थीं। उन्हें अपने जीवन की पहली कमाई 25 रुपए मिली थी।
जब लता मंगेशकर को पड़ा था इतना जोरदार चांटा कि वो सेट पर ही गिर पड़ी थीं, कान से बह रहा था खून
बता दें कि उनके जीवन से जुड़े कई फैक्ट्स में एक फैक्ट ने भी है कि उनका असली नाम लता मंगेशकर नहीं बल्कि हेमा हरिदकर है। बचपन से ही रेडियो सुनने की शौक़ीन लता ने अपना पहला रेडियो 18 साल की उम्र में खरीदा था। बचपन में साईकिल चलाने का सपना देखने वाली लता ने अपनी पहली 8000 रुपए में खरीदी थी। लता जी के करियर की बात करें तो उन्होंने हिंदी, उर्दू सहित 36 भाषाओं में गाना गाया है और उन्हें हिंदी सिनेमा जगत के सबसे बड़े सम्मान दादा साहब फाल्के अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।