शनिवार और रविवार को थियेटर भी करते थे दरअसल इस बात का खुलासा खुद बोमन ईरानी ने अपने एक इंटरव्यू में किया था। उन्होंने बताया था कि वो उस मैं एड एजेंसी और विज्ञापनों के लिए फोटोग्राफी किया करते थे और शौकिया तौर पर शनिवार और रविवार को थियेटर करता था। मेरी जिंदगी तब बदलनी शुरू हुई जब मेरे किए गए कुछ अंग्रेजी नाटक मुंबई में सुपरहिट हो गए।
लोग मुझे एक एक्टर के तौर पर गंभीरता से लेने लगे, जबकि मैं अपने आपको एक एक्टर के तौर पर ज़्यादा सीरियसली नहीं लेता था। मैंने 35 साल की उम्र में थियेटर जॉइन किया था और 40 साल तक थियेटर में अच्छा नाम कमा चुका था लेकिन मैंने ये सोचा हुआ था कि मैं फिल्मों में एक्टिंग नहीं करूंगा।
जीवन में चीजें थोड़ा लेट ही शुरू कीं बोमन ईरानी ने बताया था कि मैं दरअसल एक लेट ब्लूमर था, मैंने अपने जीवन में चीजें थोड़ा लेट ही शुरू की हैं। मैं सोचता था कि मुझे फोटोग्राफी में ही अपना करियर बनाना चाहिए और इसी काम को अच्छी तरह करना चाहिए। शौकिया तौर पर थियेटर तो चल ही रहा था। यही वजह रही कि मैंने कुछ फ़िल्मों के ऑफर भी ठुकराए।
लेकिन एक बार मेरी मुलाकात विधु विनोद चोपड़ा से हुई। मैं यूं तो फिल्में नहीं करता था, लेकिन मैंने उस दौर में एक प्रयोगधर्मी इंग्लिश फिल्म में काम किया था और विधु विनोद को मेरी इस फ़िल्म में परफॉर्मेंस बेहद पसंद आई थी। उन्होंने मुझसे कहा था कि आपको एक्टिंग में करियर बनाना चाहिए, उन्होंने मुझसे कहा कि आप अपने स्टूडियो से दो हफ़्तों की छुट्टी ले लो। 14 दिन आप मेरी फ़िल्म को दे दो। मुझे लगा कि 14 दिन में क्या ही होगा।
मेरी जिंदगी पूरी तरह से पलट चुकी थी बोमन ईरानी ने बताया था कि मैंने छुट्टी ले ली और मैंने मुन्नाभाई एमबीबीएस में डॉक्टर अस्थाना का रोल किया। मैं शूटिंग खत्म कर वापस अपने फोटोग्राफ़ी के काम में मशगूल था। फिल्म दिसंबर के अंत में रिलीज हुई थी और अगला साल आने तक मेरी जिंदगी पूरी तरह से पलट चुकी थी। इस तरह मुन्नाभाई एमबीबीएस को दिए गए 14 दिनों ने मुझे रातोंरात फेमस हो गया था।