जावेद अख्तर ने अपने ट्वीट में कहा था- “लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान शराब की दुकानें खोलने से विनाशकारी परिणाम सामने आएंगे। किसी भी मामले में सभी सर्वेक्षणों के अनुसार आजकल घरेलू हिंसा काफी हद तक बढ़ गई है। ऐसे में शराब बच्चों और औरतों के लिए इन दिनों को और भी ज्यादा खतरनाक होगी।” हालांकि उनके इस ट्वीट के बाद कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल कर दिया। एक यूजर ने लिखा- ‘लगता है आपने छोड़ दी।’
दूसरे यूजर ने लिखा- ‘दारू की दुकानों से दिक्कत है लेकिन तबलीगी कोरोना कारखानो से दिक्कत नही,, काहे? एक अन्य यूजर ने लिखा- जो व्यक्ति मुग़लों और ख़िलजी को महान बताए, जिस बख़्तियार ख़िलजी ने नालंदा विश्वविद्यालय को जलाया उस जानवर की तरफ़दारी करने वाला सरकार की आंतरिक बातों पर ना बोले तो बेहतर रहेगा।’ वहीं किरण सिन्हा यूजर ने लिखा- ‘दारू की दुकानों से दिक्कत है लेकिन तबलीगी जमात के लिए एक शब्द नहीं..देश जितना हमारा हैं उतना आपका फिर ये भेदभाव क्यों..?’