IFFI 2024: एक फिल्म बनाने में कितना समय लगता होगा? स्क्रिप्ट, कास्टिंग, शूटिंग, म्यूजिक, एडिटिंग और भी बहुत कुछ। इसमें 1-2 या कई साल लग जाते हैं। मगर हम कहें कि बस 48 घंटे और पूरी फिल्म तैयार हो सकती है, तो आपको यकीन नहीं होगा, लेकिन यह सच है।
ऐसा ही किया IFFI 2024 के क्रिएटिव माइंड्स ने। उन्होंने भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में घूमते-फिरते पूरी फिल्म तैयार कर दी। इस बार के विनर की घोषणा भी आज हो गई।
इस बार सीएमओटी में प्रतिभागियों को 20 सदस्यों की 5 टीमों में विभाजित किया गया। इन टीमों ने “रिलेशनशिप इन द एज ऑफ टेक्नोलॉजी” विषय पर केंद्रित लघु फिल्में बनाईं। इसे 21 से 23 नवंबर, 2024 तक पंजिम के 4 किलोमीटर के दायरे में 12 स्थानों पर आयोजित किया गया। इसमें टीम की रचनात्मकता और प्रतिरोध क्षमता की जांच की गई।
इस वर्ष के सीएमओटी में 48 घंटे में फिल्म निर्माण की चुनौती के विजेता हैं:
1. सर्वश्रेष्ठ फिल्म: गुल्लू सर्वश्रेष्ठ फिल्म (उपविजेता): वी हियर द सेम म्यूजिक 2. सर्वश्रेष्ठ निर्देशक: अर्शाली जोस (गुल्लू)
3. सर्वश्रेष्ठ पटकथा: अधिराज बोस (लवपिक्स सब्सक्रिप्शन) 4. सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: विशाखा नायर (लवपिक्स सब्सक्रिप्शन) 5. सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: पुष्पेंद्र कुमार (गुल्लू) सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीतने वाली सुश्री अर्शाली जोस ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह उपलब्धि मेरी पूरी टीम की है। पटकथा हमारी फिल्म का असली नायक थी और जब मैंने इसे पढ़ा मैं जानती थी कि हमारे पास कुछ खास है। इस असाधारण टीम के साथ काम करना एक अविस्मरणीय अनुभव रहा है।”
इस साल सीएमओटी ने न केवल युवा फिल्म निर्माताओं की जीवंत प्रतिभा का उत्सव मनाया बल्कि इन फिल्म निर्माताओं के लिए लॉन्च पैड के रूप में आईएफएफआई की भूमिका को भी मजबूत किया। समारोह में मौजूद अभिनेता अमित साध ने देश भर के युवा फिल्म निर्माताओं और अभिनेताओं को फिल्म उद्योग के अवसर सीधे उपलब्ध कराने के लिए आईएफएफआई की प्रशंसा की।