इतिहास के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला
एक साक्षात्कार में राजस्थान पत्रिका के सवाल का जवाब देते हुए मनोज ने कहा, ‘मैं खुद इतिहास का छात्र रहा हूं। सिनौली की खुदाई और उसके तथ्यों से मुझे इतिहास के बारे में बहुत कुछ नया सीखने को मिला। इसमें काम कर मुझे अपने इतिहास के बारे में नए सिरे से शिक्षित होने का अवसर मिला, जो अंतत: इतिहास को और गहराई से समझने में हमारी मदद करता है। यह डॉक्यूमेंट्री ऐसे समय पर आ रही है जब हम पश्चिमी इतिहासकारों से अलग अपनी वास्तविक ऐतिहासिक धरोहर को जान सकेंगे। भारत के इतिहास के बारे में जो राय और जानकारी पश्चिमी इतिहासकारों ने दी है, वह हमारे स्वर्णिम इतिहास को बताने में नाकाफी रही है। ऐसे में यह डॉक्यूमेंट्री एक नए सिरे से इतिहास हमारे सामने रखेगी।’
यह पूछे जाने पर कि इतिहास का कौन-सा किरदार वे निभाना पसंद करेंगे, मनोज ने कहा, ‘मैं अगर किसी ऐतिहासिक किरदार को निभाऊंगा तो उसे ज्यादा रियलिस्टिक यानी जीवंत बनाऊंगा। दरअसल हमारा सिनेमा आज भी पारसी थिएटर के स्टाइल में ही काम कर रहा है और बहुत लाउड है। लेकिन मेरी नजर में इतिहास के जिन कैरेक्टर्स को आज हम प्ले करते हैं, वे भी हमारी ही तरह ही इंसान थे, जो हमारी ही तरह बोलते थे, सोचते थे। ऐसे में मैं जो भी ऐतिहासिक किरदार निभाऊंगा उसे असल जिंदगी के बहुत करीब रखने की कोशिश करूंगा। रही बात कि कौन-सा ऐतिहासिक किरदार निभाऊंगा, तो मुझे सम्राट अशोक का पात्र बहुत पसंद है। अगर अवसर मिला तो सम्राट अशोक जरूर करूंगा। उनका जीवन नाटकीय घटनाओं, उतार-चढ़ाव और इतिहासकारों की अलग-अलग धारणाओं से भरा हुआ है। ऐसे में इस महान भूमिका को करने में मुझे खुशी होगी।’