पति ने किया त्याग
डॉक्टर्स की सलाह के बाद मेरे पति ने इस्तीफा देने का फैसला किया। क्योंकि डॉक्टर्स ने मुझे पूरी तरह से एक अलग वातावरण में ले जाने की सलाह दी। इसके बाद मैं आस्ट्रीया में शिफ्ट हुईं। मेरे पति ने मेरे लिए कई कठिनाइयां उठाई, लेकिन मुझे एहसास उक्त हुआ जब मैं डिप्रेशन के दौर से गुजरी।
इंसान को अंदर से तोड़ता है अवासद
डिप्रेशन को लेकर बात करते हुए सेलिना ने कहा कि यह बीमारी हमारे अंदर ही होती है, लेकिन बाहर हमें पता नहीं चलता। बाहर देखकर कोई भी इस बीमारी का अंदाजा नहीं लगा सकता। अगर आपको इसके कोई लक्षण दिखते हैं तो आपको इसे दूसरे से शेयर करने में घबराना नहीं चाहिए। ये अंदर से इंसान को तोड़ती है। इसलिए अगर कोई भी डिप्रेशन का शिकार हो तो उसे इस बीमारी को छिपाने की बजाय इससे उभरने के लिए अपने परिवार से हर संभव मदद मांगनी चाहिए।
व्यायाम बेहद जरूरी
सेलिना का कहना है कि अवसाद से बाहर निकलने के लिए सबसे जरूरी है नकारात्मकता से दूर रहना। किसी से भी अपनी बीमारी के बारे में बातें शेयर करने में कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए। डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए व्यायाम सबसे जरूरी है। क्योंकि जब कोई भी इंसान डिप्रेशन में होता है तो चमकने वाली हर चीज की सराहना करता है। क्योंकि वो खुद अंधेरे में होता है।