होटल में किया काम
पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने मुंबई के एक होटल में 2 साल तक काम किया। वो वेटर और रूम सर्विस स्टाफ में थे। कुछ मजबूरियों के चलते बोमन को ये नौकरी छोड़नी पड़ी। इसके बाद वे अपने परिवार के साथ ही काम में जुट गए। वे अपनी मां के साथ बेकरी की दुकान में 14 साल तक काम करते रहे। एक दिन उनकी मुलाकात कोरियोग्राफर श्यामक डावर से हुई। श्यामक ने उन्हें थियेटर में काम करने की सलाह दी।
मुन्नाभाई एमबीबीएस से मिली पहचान
बोमन को ज्यादातर कॉमेडी भूमिकाएं ही मिलती थीं। उन्होंने थियेटर की दुनिया में अलग पहचान बना ली थी। वर्ष 2001 में उन्हें दो अंग्रेजी फिल्में ‘एव्रिबडी सेज आई एम फाइन’ और ‘लेट्स टॉक’ मिलीं। हालांकि उनको पहचान वर्ष 2003 में आई फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस से मिली। बोमन अभी तक 50 से अधिक फिल्में कर चुके हैं। हनीमून ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड, दोस्ताना, युवराज, थ्री इडियट्स, तीन पत्ती, हम तुम और घोस्ट, हाउसफुल, हाउसफुल 2 और संजू जैसी फिल्मों में बोमन अलग-अलग रंग में दिखे हैं।