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जब आंखों में सपने और जेब में 26 रुपये लेकर घर से भाग आए थे जीवन, बन गए थे चर्चित विलेन

भारतीय फिल्मों के नामचीन एक्टर जीवन ने अपनी अदाकारी से हर किसी के दिल में जगह स्थापित की थी। जब-जब अभिनेता नेगेटिव किरदार में फिल्मी पर्दे पर एंट्री करते थे हर किसी का दिल सहम जाता था।

Apr 20, 2022 / 02:22 pm

Sneha Patsariya

यूं तो हिंदी सिनेमा ने देश को तमाम एक्टर्स दिए हैं। इनमें हीरो-हीरोइन से लेकर सपोर्टिंग एक्टर्स तक सब शामिल हैं। लेकिन इन कलाकारों को फिल्मी पर्दे पर अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरने में मदद की है तो वो हैं विलेन। जी हां, ये विलेन ही होते हैं जो फिल्म को उस चरण तक लेकर जाते हैं जहां हीरो अपनी ताकत और बुद्धिमत्ता से सभी का दिल जीत लेता है। अब बात अगर विलन की चल रही हो और बॉलीवुड के सबसे चर्चित एक्टर जीवन का नाम न आए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। भारतीय फिल्मों के नामचीन एक्टर जीवन ने अपनी अदाकारी से हर किसी के दिल में जगह स्थापित की थी।
जब-जब अभिनेता नेगेटिव किरदार में फिल्मी पर्दे पर एंट्री करते थे हर किसी का दिल सहम जाता था। आज भी लोगों की जुबान पर जीवन का नाम चढ़ा रहता है। लेकिन क्या आपको पता है कि जीवन के लिए इस मुकाम को हांसिल करना किसी पहाड़ पर चढ़ने से कम नहीं था। उन्होंने फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान स्थापित करने के लिए दिन-रात संघर्ष किया था।
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तीन साल की उम्र में हुआ था पिता का निधन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीवन का जन्म जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में 24 अक्टूबर 1915 को हुआ था। कहते हैं जीवन के जन्म के वक्त उनकी मां का निधन हो गया था, उसके बाद उनका लालन-पोषण उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने किया। जीवन पर दुखों का अंबार उस वक्त टूटा जब महज़ तीन वर्ष की आयु में उन्होंने अपने पिता को खो दिया था। इसके बाद वे पूरी तरह से अकेले पड़ गए थे।

26 रुपए लेकर पहुंचे थे मुंबई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जीवन को बचपन से ही फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का शौक था। उनका सपना था कि वे श्रीनगर में अपने नाम से एक स्टूडियो खोलें। इसके लिए सबसे पहल शर्त थी कि काम सीखना। इसलिए जीवन अपना घर-बार पीछे छोड़कर मुंबई भाग आए थे। कहा जाता है जिस वक्त जीवन मुंबई आए थे उस वक्त उनकी जेब में महज़ 26 रुपए थे लेकिन उनकी आंखों में जो सपने थे वे अनमोल थे। यहां आकर उन्होंने काफी दिनों तक हाथ-पैर मारे तब कहीं जाकर उन्हें फिल्म डॉयरेक्टर मोहन सिन्हा के स्टूडियो में छोटी सी नौकरी मिल गई थी। यहां वे रिफ्लेक्टर पर सिल्वर पेपर चिपकाने का काम करते थे।
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फैशनेबल इंडिया से किया था डेब्यू
कई सालों तक जीवन ने मोहन सिन्हा के स्टूडियो में काम किया। फिर वो वक्त आया जब सिनेमाजगत के इस सितारे को अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिला। साल 1935 में मोहन सिन्हा ने जीवन को अपनी फिल्म में एक छोटा सा रोल दिया था। इसमें उन्हें छोटी सी 2-4 लाइनें बोलनी थीं। कहते हैं जीवन ने इस छोटे से सीन में अपने टैलेंट से इस कदर जान फूंकी दी थी कि निर्देशक उनसे काफी प्रभावित हो गए थे। 1935 की फिल्म फैशनेबल इंडिया से जीवन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी।
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धार्मिक किरदारों से बनाई पहचान
इसके बाद उन्होंने अमर अकबर एंथनी, कानून, प्रोफेसर आदि फिल्मों में खलनायक का किरदार निभाकर महफिल लूट ली थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, जीवन ने अपने फिल्मी करियर के दौरान नेगेटिव रोल्स के अलावा धार्मिक कैरेक्टर्स भी निभाए थे। कहा जाता है कि जीवन ने अलग-अलग भाषाओं की फिल्मों और नाटकों में नारद मुनि का किरदार निभाकर रिकॉर्ड स्थापित किया था।

71 की उम्र में हुआ निधन
गौरतलब है, फिल्मी सिनेमा के इस एक्टर ने अपने जीवन में सफलता के उस मुकाम को हांसिल किया था जहां पहुंचना हर किसी के बस की बात नहीं है। अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाने वाले इस स्टार ने 71 वर्ष की उम्र में 10 जून 1987 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

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