अचूक हत्या के चक्कर में
इस मसले पर हॉलीवुड के साथ-साथ बॉलीवुड में भी कई और फिल्में बन चुकी हैं। इन तमाम फिल्मों में इस तथ्य को स्थापित किया गया कि अचूक हत्या (परफेक्ट मर्डर) महज भ्रम है। पाप ज्यादा देर पर्दे में नहीं छिपाया जा सकता। एक ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 18 दिसम्बर को आ रही वेब सीरीज ‘ब्लैक विडोज’ ( Black Widows Web Series ) के ताने-बाने में भी इसी हकीकत को बुना गया है। किस्सा यह है कि तीन सहेलियां (मोना सिंह, स्वास्तिका मुखर्जी, शमिता शेट्टी) अपने पतियों की प्रताडऩा से त्रस्त होकर इन्हें ठिकाने लगाने की साजिश रचती हैं। उन्हें लगता है कि पतियों को ‘ऊपर’ भेज कर वे तमाम परेशानियों से आजाद हो जाएंगी। साजिश के तहत एक हादसा होता है और तीनों पतियों को मृत मान लिया जाता है। लेकिन इन ‘विधवाओं’ के आजादी के जश्न में तब खलल पड़ता है, जब एक का पति फिर कहानी में एंट्री लेता है।
फिनलैंड की वेब सीरीज का रूपांतर
निर्देशक बिरसा दास गुप्ता ने देशी वेब सीरीज ‘ब्लैक विडोज’ के लिए जो कहानी चुनी है, वह देशी नहीं, आयातित है। फिनलैंड में काफी पहले इसी नाम से वेब सीरीज बन चुकी है। उसी की कहानी भारतीय कलाकारों के साथ सुनाई जाएगी। हॉलीवुड की ‘मोमेंटो’ भारत में कितनों ने देखी? उसकी कहानी पर आमिर खान की ‘गजनी’ बनी, तो सिनेमाघरों में देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी थी।
शरद केलकर का भी अहम किरदार
बहरहाल, ‘ब्लैक विडोज’ में शरद केलकर, परमव्रत चट्टोपाध्याय, सव्यसाची चक्रवर्ती, आमिर अली और राइमा सेन ने भी अहम किरदार अदा किए हैं। अच्छी बात यह है कि भारत में ‘ब्लैक विडोज’ बनाने वालों ने विदेशी कहानी पर उस तरह हाथ नहीं मारा है, जिस तरह हमारे कई फिल्मकार करते हैं कि विदेशी फिल्म देखी और ‘कोई देख तो नहीं रहा’ के दबे अंदाज में कहानी उड़ा ली। ‘ब्लैक विडोज’ मूल सीरीज बनाने वालों से इजाजत लेकर बनी है। फिनलैंड में रची गई इस कहानी की घनघोर लोकप्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इस पर चैकोस्लोवाकिया, मैक्सिको, यूक्रेन, लिथुआनिया और एस्टोनिया समेत सात देशों में भी वेब सीरीज बन चुकी है।