अपनी शर्तों पर जिंदगी जीने वालीं आशा पारेख ने कभी समझौते नहीं किए, मामला चाहे फिल्म कॅरियर का हो या फिर घर-परिवार का। उन्होंने शादी नहीं की क्योंकि उन्हें अपना साथ निभाने वाला कोई योग्य जीवनसाथी नहीं मिल सका। हालांकि, कहा जाता है कि आशा पारेख को किसी से प्यार तो हुआ था लेकिन यह संबंध विवाह की मंजिल तक नहीं पहुंच सका। वह कौन शख्स था जिससे उन्हें प्यार हुआ था, यह राज उन्होंने कभी नहीं खोला।
आशा पारेख की मां मुस्लिम और पिता हिंदू थे। उनकी मां ने उन्हें काफी कम उम्र में ही शास्त्रीय नृत्य की शिक्षा दिलाई। आशा ने देश-विदेश में कई नृत्य शो भी किए। वे बचपन में डॉक्टर या आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं लेकिन किस्मत उन्हें फिल्म जगत में ले आई। उन्होंने सन 1952 में फिल्म ‘आसमान’ में बाल कलाकार के रूप में अपने फिल्म कॅरियर की शुरुआत की थी। उसी दौर में फिल्म निर्माता बिमल राय ने उन्हें एक शो में नृत्य करते हुए देखा। वे आशा से प्रभावित हुए और उन्होंने 1954 में उन्हें फिल्म ‘बाप बेटी’ में एक भूमिका दी। उस समय आशा की उम्र 12 वर्ष थी। इसके बाद आशा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक कई हिट फिल्में दीं।