बॉलीवुड एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ में डेब्यू करने से पहले यशराज फिल्म्स के कास्टिंग डिवीजन में काफी समय काम किया था। इस फिल्म से भूमि पेडनेकर को लेकर एक बेहद ही दिलचस्प किस्सा है। एक दिन भूमि फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ की पूरी टीम के साथ एक्ट्रेस के लिए ऑडिशन ले रही थी। इस फिल्म में संध्या का किरदार बेहद ही दिलस्प था। कास्टिंग टीम ने उनसे पहले करीब 250 लड़कियों का ऑडिशन लिया था।
इस बारे में खुद एक्ट्रेस ने बताया था, उन्होंने कहा, “मैं कास्टिंग करती थी लेकिन कभी खुद एक्ट्रेस बनूंगी, इसका ख्याल भी नहीं आया। संध्या के रोल के लिए इतनी लड़कियों के ऑडिशन लिए लेकिन एक बार भी ऐसा नहीं लगा कि ये रोल मैं भी कर सकती हूं। मैं कास्टिंग करने में इस कदर खोई हुई थी कि मेरे मन में एक बार भी खयाल नहीं आया कि ये रोल मैं भी कर सकती हूं। ऑडिशन लेने के साथ-साथ मैं उन किरदारों को उसी वक्त निभाया भी करती थी। कभी मैं छह साल की बच्ची बन कर दिखाती थी तो कभी एक बूढ़ी औरत बन जाती थी।”
उन्होंने आगे बताया,”मेरे लिए यह सब भूमिकाओं की तैयारी कराने का मामला था, लेकिन सबसे अजीब वक्त तब आया जब मैं ‘दम लगा के हईशा’ के लिए लड़कियों का ऑडिशन करा रही थी। साथ ही साथ मेरा भी ऑडिशन हो रहा था तो मुझे एक बार लगा कि मैं कहीं इन लड़कियों के साथ किसी भी तरह का पक्षपात तो नहीं कर रही हूं। मुझे याद है कि मैं यशराज फिल्म्स की कास्टिंग डायरेक्टर शानू शर्मा के पास इस मसले को लेकर जाया करती थी। हमने इस किरदार के लिए 200-250 लड़कियों का ऑडिशन लिया था और मुझे भी यह किरदार इतना आसान नहीं लग रहा था। मैं इसे बहुत गर्व के साथ कह सकती हूं कि मैंने वास्तव में कड़ी मेहनत की और मुझे अपनी पहली फिल्म पाने के लिए कैमरे के पीछे काम करने में 6 साल लग गए।”
भूमि ने ये भी बताया कि उन्होंने ने भी संध्या का रोल करने के लिए ऑडिशन दिया था, उन्होंने बताया, “कास्टिंग डायरेक्टर शानू शर्मा ने मेरा भी ऑडिशन लिया तो मुझे भी यह रोल इतना आसान नहीं लगा। संध्या के रोल में मुझे चुनने से पहले फिल्म डायरेक्टर शरत कटारिया ने काफी सोचा। वह मुझे सिर्फ इसलिए नहीं कास्ट कर लेना चाहते थे कि मैं यशराज फिल्म्स से जुड़ी थी। वह ऐसे एक्ट्रेस को मौका देना चाहते थे जो स्क्रिप्ट को समझ सके। मुझे वाकई अपनी काबिलियत साबित करनी पड़ी। मै मुंबई में पली पढ़ी थी। मुझे 90 के दशक की महिला का रोल प्ले करना था। मेरी हिंदी शहरी एक्सेंट वाली थी। लगातार 4 महीने ऑडिशन चला था और एक दिन मुझे बताया गया कि ये रोल मुझे दिया जा रहा है। पहली फिल्म पाने से पहले 6 साल कैमरे के पीछे काम किया है।”
भूमि ने इस संध्या का रोल करने के लिए अपना वजन बढ़ाया और रिस्क लेकर इस फिल्म को किया। लेकिन जब फिल्म रिलीज हुई तो ये रिस्क सही साबित हुआ. इस फिल्म की कहानी, भूमि पेडनेकर और आयुष्मान खुराना को खूब पसंद किया गया। फिल्म जबरदस्त हिट रही और इसी के साथ हिट हो गई भूमि पेडनेकर भी। दम लगा के हईशा से इंडस्ट्री को एक जबरदस्त एक्ट्रेस मिली जो आज तक फैंस को एंटरटेन कर रही हैं। किस्मत ने भूमि को कास्टिंग डायरेक्टर से हीरोईन बनने का मौका दिया। फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ के बाद कई हीट फिल्में भी दी जिनमें, ‘टॉयलेट: एक प्रेम कथा’ और ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’ जैसी फिल्में शामिल हैं।