‘पतिव्रता, सती, पीड़ित, ‘बेवकूफ’ या ‘चुडैल’
नेशनल चैनल दूरदर्शन के आर्काइव से सामने आया इस दुर्लभ वीडियो में स्मिता पाटिल ने फिल्मों महिलाओं के चित्रण पर आपत्ति जताई। अस्सी के दशक की शुरूआत के इस वीडियो में वह कहती नजर आती हैं कि फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं को शुरूआत से ही ‘पतिव्रता, सती, हमेशा पीड़ित रहने वाली, ‘बेवकूफ’ या ‘चुडैल’ दिखाया जाता है। ऐसा करते समय उनके रोल में कोई गहराई नहीं होती है। साथ ही वीडियो में वह कहती नजर आ रही हैं कि फिल्मों में जिस्मफरोशी के विषय को दिखाते समय इससे जुड़े दर्द और हार्टब्रेक की जगह, केवल महिलाओं का बदन दिखाया जाता है।
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‘सभी का टेस्ट बहुत अश्लील हो गया’
गौरतलब है कि फिल्मों में महिलाओं के चित्रण पर स्मिता पाटिल खासी नाराज रहती थीं। उनका कहना था कि इंडस्ट्री में महिलाओं को अश्लील तरीके से और कम कपड़ों में पेश करना सही नहीं है। एक इंटरव्यू में एक्ट्रेस ने श्रीदेवी और अमिताभ बच्चन के फिल्म ‘इंकलाब’ के गाने पर भी आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा,’सभी का टेस्ट बहुत अश्लील हो गया था। ‘इंकलाब’ में एक गाना स्विमिंग पूल में फिल्माया गया। आप दर्शकों को क्या परोस रहे हैं। मुझे आश्चर्य होता है कि इस पर महिला दर्शक क्या रिएक्ट करेंगी। महिला शरीर के इस अभद्र चित्रण पर वे शर्मसार महसूस करेंगी।’ इसी के साथ स्मिता ने साउथ इंडस्ट्री की एक्ट्रेसेस पर भी पैसा कमाने के लिए किसी भी तरह के गाने कर लेने का आरोप लगाया था। वे मानती थीं कि एक्ट्रेसेस को अश्लील तरीके से दिखाना भी एक तरह का शोषण है। हालांकि इस बात का अहसास इन एक्ट्रेसेस को तब होता है जब उनके जीवन का आखिरी पड़ाव आ जाता है।