ठीक होती चोट व घाव –
चमेली के तेल का इस्तेमाल एंटीसेप्टिक के तौर पर भी किया जाता है। किसी तरह की चोट या घाव हो जाए तो रूई के फाहे को चमेली के तेल में डुबोकर प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे दर्द कम होने के साथ घाव भी तेजी से भरता है।
तनाव की छुट्टी – अगर काम का अधिक बोझ और अधूरी नींद तनाव पैदा करती है तो ऐसी स्थिति में बगीचे में जाएं और चमेली के फूलों की सुगंध लें। इसकी खुशबू मूड बूस्टर का काम करती है और तनाव का स्तर घटाती है। साथ ही अनिद्रा की समस्या से भी राहत देती है।
दूर होता दर्द –
चमेली का तेल खुशबूदार होने के कारण इसका प्रयोग अरोमाथैरेपी में भी किया जाता है। इसके तेल से की गई मसाज शरीर की मांसपेशियों आराम पहुंचाती है। इसके अलावा चमेली के तेल में नारियल का तेल मिलाएं और इससे शरीर की मालिश करें। बॉडी को आराम मिलने के साथ दर्द भी दूर होगा।
चमेली के पत्ते के फायदे – चमेली के पत्ते का प्रयोग कई रोगों को दूर करने में किया जाता है। जानते हैं इसके बारे में-
पेट में कीड़े : अगर पेट में कीड़े हो गए हैं तो चमेली के पत्तों का रस पी सकते हैं, ऐसा कुछ दिनों तक करने से कीड़े बाहर निकल जाते हैं।
मुंह में छालों की समस्या : मुंह में छाले होने पर इसकी पत्तियों को धोकर धीरे-धीरे चबाएं। पत्तियों से निकलने वाला रस छालों को खत्म करता है।
बिवाई फटना : सर्दी के अलावा भी कुछ लोगों में बिवाई फटने की समस्या होती है। ऐसे में चमेली के पत्तों का रस इस पर लगा सकते हैं।
चमेली के फूल का प्रयोग – चमेली के फूलों को पीसकर इसका लेप बना लें। इसे दाद, खाज और खुजली होने पर प्रभावित हिस्से पर लगाएं, आराम मिलेगा।
अक्सर सिरदर्द रहने की समस्या है तो कुछ चमेली के फूल लें इसे पीसकर लेप तैयार करें। इस लेप को माथे पर लगाएं, सिरदर्द से राहत मिलेगी।