नीम की दातुन बनाने के लिए उस टहनी का प्रयोग करें जो सूखी हुई ना हो। इसे अच्छी तरह से पानी से धो लें। फिर इसके एक सिरे को दांतों से अच्छी तरह चबाते हुए ब्रिसल्स(टूथब्रश के रेशे) बनाएं।
जब आप दातुन बनाने के लिए दांतों से टहनी को चबाते हैं तो उस समय जो रस मुंह में बनते हैं उन्हें थूके नहीं बल्कि निगल लें। इससे आंतों की सफाई और ब्लड प्यूरीफाई होता है, साथ ही त्वचा संबंधी रोग भी नहीं होते।
दातुन को ऊपर के दांतों में ऊपर से नीचे की ओर और नीचे के दांतों में नीचे से ऊपर की ओर करें। इससे आपके मसूड़े मजबूत होंगे और पायरिया की समस्या नहीं सताएगी। नीम की दातुन नेचुरल माउथफ्रेशनर का भी काम करती है जिससे मुंह से दुर्गंध नहीं आती। दातुन को आप पांच मिनट से लेकर 15 मिनट तक कर सकते हैं। अगर आप दातुन करने के बाद एक से दो मिनट कुल्ला नहीं करते हैं तो इसका प्रभाव ज्यादा होता है। सुबह व रात को दो बार दातुन की जा सकती है।
नीम की नई कोपलों को तोड़कर उन्हें हाथ से मसल लें और ताजे पानी के साथ निगल लें, इन्हें चबाएं नहीं। इससे आपको ये कड़वी नहीं लगेंगी और आपका नियम भी बना रहेगा। एक दिन में नीम की ज्यादा से ज्यादा छह से सात पत्तियां ही खाएं वर्ना एसिडिटी या गर्मी की समस्या हो सकती है।