इधर मरीजों को दी जाने वाली टीबी की दवाएं ही खत्म हो गई हैं। लिहाजा ऐसे मरीज, जिनकी दवाएं पहले से चल रही हैं, उन्हें रेगुलर दवाएं न मिलने से उन्हें स्वास्थ्यगत परेशानी से जूझना पड़ रहा है। इस तरह हकीकत में यह अभियान महज दिखावा साबित हो रहा है। साढ़े 4 लाख एक्सरे का लक्ष्य, कैसे होगा पूरा…!
TB Patients in CG: 1300 मरीजों का चल रहा इलाज, फिर भी गंभीर नहीं
टीबी सर्वे अभियान के तहत महीने भर में 150 से ज्यादा टीबी संक्रमित मिल चुके हैं। इसके अलावा जिले भर में करीब 1300 टीबी के मरीजों का पहले से ही इलाज चल रहा है। इसके बाद भी इन्हें नियमित रूप से दवाएं न मिलने से इनके लिए स्थिति गंभीर होती जा रही है।
टीबी मुक्त भारत अभियान के मद्देनजर जिला स्वास्थ्य विभाग को महीने भर में लगभग साढ़े 4 लाख लोगों का एक्सरे कराना है और उसकी रिपोर्ट शासन को भेजनी है।
इसके लिए संक्रमितों, उनके परिवार के सदस्यों, पहले कभी टीबी से पीड़ित रहे लोगों व उनसे जुड़े सदस्यों की प्राथमिकता से एक्सरे व बलगम टेस्ट करा कर उनकी रिपोर्ट शासन को भेजनी है। अब जिला
स्वास्थ्य विभाग के सामने यह समस्या आन खड़ी हुई है कि सरकारी अस्पताल जहां एक्सरे मशीन है और जिले भर के निजी अस्पतालों में मौजूद एक्सरे मशीनों से भी रेगुलर एक्सरे जांच की जाए, तो भी महीने भर में यह टार्गेट कैसे पूरा होगा। यह स्वयं स्वास्थ्य विभाग के लिए यक्ष प्रश्न बना हुआ है।