scriptसेंट्रल स्कूल की अनोखी पहल: पासआउट छात्र पिछली कक्षा के बच्चों को भेंट करते हैं किताबें | Unique initiative of Central school Baikunthpur | Patrika News
कोरीया

सेंट्रल स्कूल की अनोखी पहल: पासआउट छात्र पिछली कक्षा के बच्चों को भेंट करते हैं किताबें

सेंट्रल स्कूल प्रबंधन द्वारा पुस्तकोपहार के नाम से चलाई जा रही योजना, किताब-यूनिफार्म के नाम पर लूट मचाने वाले प्राइवेट स्कूलों को मुंह चिढ़ा रही यह योजना

कोरीयाApr 23, 2024 / 04:49 pm

rampravesh vishwakarma

Books distribution by students
बैकुंठपुर. केंद्रीय विद्यालय बैकुंठपुर के पासआउट बच्चों ने पिछली कक्षा के बच्चों को अपनी पुरानी किताबें भेंट कर दी हैं। इस पहल से नई कक्षा में जाने वाले अधिकांश बच्चों को नई किताबें खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्रीय विद्यालय में पुरानी पुस्तकों को भेंट के रूप में देने और लेने की अनुपम योजना का नाम पुस्तकोपहार रखा गया है। इसका स्लोगन है, पुस्तकों का दान सबसे अमूल्य दान।

केंद्रीय विद्यालय में पुस्तकोपहार एक परंपरा बन रही है। नए शिक्षण सत्र की शुरुआत में पुस्तकोपहार को अभियान के रूप में चलाया गया। इस दौरान बड़ी कक्षा के बच्चों ने अपनी किताबों को छोटी कक्षा के बच्चों को उपहार स्वरूप भेंट कर दिया इसमें कक्षा पहली से बारहवी के बच्चों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया।
Central school Baikunthpur
वहीं अधिक पुस्तकें होने पर लाइब्रेरी में जमा कराए गए हैं, जिसे जरूरतमंद बच्चों को वितरित किया जाएगा। केंद्रीय विद्यालय की इस अनोखी परंपरा के कारण अगर प्रत्येक बच्चा किताबों को सहेजकर रखेगा तो पहली से लेकर 12वीं तक किसी भी छात्र-छात्राओं को किताबें खरीदने की जरूरत नहीं पडं़ेगीं।

प्राइवेट स्कूलों में किताबों के नाम पर मची है लूट

प्राइवेट स्कूलों में फीस, किताबों व यूनिफॉर्म के नाम पर लूट मची है। हर साल एक पाठ इधर-उधर कर नईं किताबें खरीदने अभिभावकों को विवश होना पड़ता है। कोर्स के अतिरिक्त आए दिन नई-नई किताबें खरीदवाकर माता-पिता का ये बोझ बढ़ा रहे हैं। लेकिन केंद्रीय विद्यालय की अनोखी परंपरा के कारण देर सबेर शासन-प्रशासन, जनप्रतिनिधियों की आंखें खुलने की उम्मीद है।

नई किताबें खरीदने की नहीं पड़ती जरूरत

केंद्रीय विद्यालय में पुस्तकोपहार के नाम पर अनुपम योजना चला रहे हैं। इसके तहत अगली कक्षा के बच्चे अपनी पुरानी पुस्तकों को पिछली कक्षा के बच्चों के लिए भेंट करते हैं। इसमें प्रत्येक बच्चे बढ़-चढक़र हिस्सा लेते हैं। वहीं पुस्तकें को लाइबेरी में रखवाते हैं, फिर जरूरतमंद बच्चों को वितरण कराते हैं। इस योजना से अधिकांश बच्चों को हर बार नई-नई किताबें खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है।
अवनी कुमार श्रीवास्तव, प्राचार्य, केंद्रीय विद्यालय बैकुंठपुर

Hindi News / Koria / सेंट्रल स्कूल की अनोखी पहल: पासआउट छात्र पिछली कक्षा के बच्चों को भेंट करते हैं किताबें

ट्रेंडिंग वीडियो