यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने भारत की उपलब्धियों को दर्शाने के लिए हर कॉलेज यूनिवर्सिटी में विशेष ‘सेल्फी पॉइंट’ बनाने की बात कही है। इन सेल्फी पॉइंट्स की थीम में एक भारत श्रेष्ठ भारत जैसी राष्ट्रीय पहल और नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के प्रमुख क्षेत्रों का व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल हैं। यूजीसी ने ये फैसला बीते दिनों में भारत के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में हासिल किए गए विशेष उपलब्धियों का युवाओं के बीच प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से किया है।
यूजीसी का ऐसा मानना है कि जहां बेहतर काम हो रहे हैं, उन्हें प्रेरित किया जाए। भारत सरकार द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों को युवाओं के बीच पहुंचाना जरूरी है, जिससे युवाओं की ऊर्जा और उत्साह को सही दिशा देने में मदद मिलेगी। युवा देश की प्रगति के पथ पर चलते हुए देश की तरक्की में अपने विशेष योगदान दे सकेंगे। यूजीसी ने कहा कि विश्व भर में भारत में युवाओं की आबादी सबसे अधिक है और युवाओं को विशेष सेल्फी पॉइंट के माध्यम से देश की उपलब्धियों से अवगत करा कर उनकी क्षमता को दिशा देने के लिए प्रेरित करने का सबसे बेहतर माध्यम हो सकता है।
परिवर्तनकारी पहलों के बारे में भी देंगे जानकारी यूजीसी ने बताया कि उच्च शिक्षा संस्थान (एचईआई) परिसर के भीतर एक रणनीतिक स्थान पर केवल 3-डी लेआउट में अनुमोदित डिजाइन के अनुसार सेल्फी प्वाइंट स्थापित कर सकते हैं। ये सेल्फी पॉइंट न केवल गर्व के स्रोत के रूप में काम करेंगे, बल्कि प्रत्येक नागरिक को उन परिवर्तनकारी पहलों के बारे में भी बताएंगे, जिन्होंने वैश्विक मंच पर भारत के विकास को गति दी है। यूजीसी ने विश्वविद्यालयों व कॉलेजों से अनुरोध किया है कि सामूहिक गौरव की भावना को बढ़ावा देते हुए, छात्रों और आगंतुकों को इन विशेष क्षणों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कैद करने और साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें।
सेल्फी पॉइंट गतिशील और आकर्षक बनेंगे… यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने कहा कि ये सेल्फी पॉइंट गतिशील और आकर्षक स्थान बन जाएंगे, जिससे छात्रों में राष्ट्रीय गौरव और जागरुकता की भावना पैदा होगी। इसका लक्ष्य विविध क्षेत्रों में भारत की प्रगति को प्रदर्शित करके भावी पीढिय़ों को प्रेरित करना है। ताकि लोगों को जानकारी मिल सके कि किन-किन समय में किस तरह के परिवर्तन कर उपलब्धियां ंहासिल की गई थीं।