विशेषज्ञों की मानें तो बच्चों को कोविड के दौरान निमोनिया जैसे संक्रमण से बचाने यह कवच का काम करेगा। इस टीकाकरण से जिले के 4 लाख 7,835 बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। शासन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्रदेश के समस्त जिला टीकाकरण अधिकारियों से इस विषय पर चर्चा करते हुए तैयारी करने के निर्देश दे दिए हैं।
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निमोनिया की चपेट में आकर लाखों बच्चे गंवा रहे जान
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. सेमुअल ने बताया कि इस समय देश व प्रदेश के लाखों बच्चे केवल निमोनिया की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं। इसलिए नियमित टीकाकरण में पीसीवी न्यूमोकोकल को शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इस टीके को लगाने से बच्चों को निमोनिया, डायरिया जैसी तमाम गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकेगा।
सरकारी चिकित्सालयों में इस वैक्सीन की पहली डोज के साथ शुरू किया जाएगा। इस टीके के आ जाने से निमोनिया, सर्दी, जुखाम, मस्तिष्तक बुखार को रोका जा सकेगा। न्यूमोकोकल कॉन्जुगेट वैक्सीन (पीसीवी) 4 जून से नियमित टीकाकरण में शामिल होगी। इसके लिए जिले को पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान समय में जिले में करीब 4 लाख मासूमों को निमोनिया से बचाने के लिए पीवीसी का टीका लगेगा।
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मार्च में होना था लांच
न्यूमोकोकल वैक्सीन मार्च माह में लांच की जानी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब इसे नियमित टीकाकरण में शामिल किया गया है। जिले में ब्लॉक स्तरीय कोल्ड चेन होल्डरों आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। 28 जिलों में यह वैक्सीन एक साथ लांच हो रही है। बाजार में इसकी कीमत बहुत अधिक होने के कारण लोग अपने मासूमों को यह वैक्सीन नहीं लगवा पाते थे।
निमोनिया से तमाम बच्चे दम भी तोड़ रहे थे। यह टीका लगने के बाद मासूमों को निमोनिया से बचाया जा सकेगा। न्यूमोकोकल वैक्सीन जन्म से एक साल की उम्र तक के बच्चों को तीन डोज इंजेक्शन के रूप में दी जाएगी। पहला इंजेक्शन बच्चे के डेढ़ महीने का होने पर पेंटा-1 के साथ, दूसरा साढ़े तीन माह पर और तीसरा एमआर के साथ बच्चे के नौ माह के पूरा होने के बाद दिया जाएगा।
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क्या होता है निमोनिया और लक्षण
निमोनिया फेफड़ों में होने वाला संक्रमण है। यह मुख्य रूप से बैक्टीरिया स्ट्रेपटोकॉकल न्युमोनी के कारण होता है। इसके साथ निमोनिया दवाओं और अन्य बीमारियों के संक्रमण से भी हो सकता है। निमोनिया के कारण अपर फ्लू जैसे लक्षण महसूस होते हैं। यह लक्षण धीरे-धीरे या फिर तेजी से विकसित हो जाते हैं।
इसका मुख्य लक्षण खांसी, कमजोरी और बच्चा थका हुआ महसूस करता है। बुखार के साथ पसीना और कंपकंपी होती है। सांस तेज चलती है या सांस लेने में कठिनाई होती है। इसके अलावा भूख भी नहीं लगती है। अब तक टीकाकरण में निमोनिया से बच्चों को बचाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं थी। अब न्यूमोकोकल वैक्सीन नियमित टीकाकरण में 4 जून से शामिल हो जाएगी। नौ माह तक के सभी बच्चों में यह टीके लगाए जाएंगे। इसके लिए तैयारियां पूरी हो चुकी है। वैक्सीन भी पर्याप्त मात्रा में मिल चुकी है।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज सेमुअल ने कहा, बच्चों को निमोनिया, डायरिया जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाने 4 जून से वैक्सीन लगाया जाएगा।