लेकिन एंबुलेंस और दवा के बिल का पैरामिटर इतना घुमा दिया है कि 7 से 8 दिन में ही प्रति मरीज का बिल 3 से 4 लाख रुपए हो गए हैं। इसके साथ ही ऑक्सीजन और केयर के नाम पर भी भारी बिल बना दिया है। सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन का कहना है कि बिस्तर और वेंटिलेटर का बिल शासन ने निजी अस्पातलों के लिए निर्धारित कर दिया गया है। अब अन्य चीजों में जैसे दवा ऑक्सीजन और एंबुलेंस की बिल निजी अस्पताल अपने हिसाब से वसूल रहे हैं।
बिल मागने के बाद रोष
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बिल की कॉपी मांगने के कारण निजी अस्पताल संचालकों में रोष है। कु छ संचालकों का कहना है कि स्टाफ और खुद की जान को दांव पर लगा कर कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे हैं। उसके बाद भी हमपर शक किया जा रहा है। बिल की कॉपी तैयार करने में काफी परेशानी होती है, वर्तमान में मरीजों का इलाज प्रथमिकता है। यदि इसी तरह परेशान किया गया तो कोरोना मरीजों के इलाज को बंद कर दिया जाएगा।