शहर के सकरी क्षेत्र से शुरू हुए डायरिया का प्रकोप यहां से आगे बढ़ते हुए रतनपुर, कोटा, बेलगहना, टेंगनमाड़ा तक पहुंच चुका है। कोटा, बेलगहना, टेंगनमाड़ा क्षेत्र में तो डायरिया के साथ ही पिछले कुछ दिनों से मलेरिया का भी प्रकोप फैला हुआ है। दोे दिन पहले ही इस क्षेत्र के मलेरिया पीड़ित दो बच्चों की मौत भी हो चुकी है। जबकि हालत बिगड़ने पर करीब 7 मलेरिया पीड़ितों को सिस में भर्ती कराया गया है। इधर क्षेत्र में रोजाना मलेरिया के मरीज मिल रहे हैं। सकरी व रतनपुर क्षेत्र में विशेष रूप से डायरिया फैलने का कारण नालियों से गुजरी जर्जर पाइप लाइनों से घराें में सप्लाई होने वाले पेयजल माना जा रहा था।
Malaria Case 2024: यही वजह रही कि कलेक्टर ने इन इलाकों में पाइप लाइनों को दुरुस्त कर स्वच्छ पेयजल सप्लाई करने के निर्देश दिए थे। इधर कोटा, बेलगहना, टेंगनमाड़ा क्षेत्र के गांवों में स्वास्थ्य विभाग क्षरा मेडिकेटेड मच्छरदानियां तो बांटी गई थीं, पर जल जमाव वाले एरिया में न तो कीटनाशक का छिड़काव कराया जा रहा और न ही मच्छरों को भगाने फागिंग ही कराई जा रही है। यही वजह है कि इन क्षेत्रों में मच्छरों की वजह से मलेरिया का प्रकोप बढ़ा है। ग्रामीण क्षेत्रों में फैली बीमारी से निगम के संबंधित अधिकारी सीख नहीं ले रहे हैं।
Malaria in Bilaspur: फिर 2 बच्चों की मौत, अब तक 4
शुक्रवार को भी मलेरिया पीड़ित
दो लोगों की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार कोटा ब्लाक के सिलपहरी गांव में दो सगे मासूम भाई अजय धुर्वे 6 वर्ष व संजय धुर्वे 9 वर्ष की मौत को गई। बताया जा रहा है कि दोनों अपने परिजनों के साथ कोरबा से गुरुवार को गांव लौटे थे। बीमार थे। शुक्रवार सुबह इनकी मौत हो गई। वहीं मां की भी स्थिति गंभीर है। उन्हें सिम्स रेफर किया गया है।
इससे पहले बुधवार को टेंगनमाड़ा क्षेत्र के ग्राम करवा निवासी सैय्यद जब्बार अली के दो पुत्रों नावेद अली 13 वर्ष व जावेद अली 15 वर्ष की मौत हो गई थी। अजीब इत्तेफाक ये है कि दोनों स्थानों में हुई मौत में मृतक सगे भाई थे। इस तरह दो दिन में मलेरिया से चार मौतें हो चुकी हैं।
बजबजाती नालियों से गुजरी जर्जर पाइप लाइनों की लगातार अनदेखी
शहर के जूना बिलासपुर, तालापारा, टिकरापारा, मंगला, सरकंडा, चांटीडीह, तिफरा सहित अन्य इलाकों में बजबजाती जाम नालियों से जर्जर पाइप लाइनें गुजरी हुई हैं। जगह-जगह फूटी पाइप लाइनों से घरों में नाली का गंदा पानी जा रहा है। इसे लेकर लगातार लोगों की शिकायत के बाद भी निगम के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। न तो जर्जर पाइप लाइनों को दुरुस्त किया जा रहा और न ही उन्हें बदला ही जा रहा। नाली से ऊपर भी पाइप लाइनों को नहीं उठाया जा रहा है।
Malaria Case: 2 क्लीनिक किया सील
कलेक्टर के निर्देश पर शुक्रवार को दो झोलाझाप डॉक्टरों के क्लीनिक सील कर दिए गए। कोटा ब्लॉक के टेंगनमाड़ा और करगीकला में ये क्लीनिक संचालित किए जा रहे थे। कलेक्टर ने गुरुवार को बाइक से इस क्षेत्र का दौरा किया। दौरे में उन्होंने अवैध क्लीनिक पर सत कार्रवाई के निर्देश दिए थे। एसडीएम कोटा युगल किशोर उर्वशा के मार्गदर्शन में राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दोनों क्लीनिक का आकस्मिक निरीक्षण किया। टेंगनमाड़ा में दीपक गुप्ता का क्लीनिक है। यह क्लीनिक धर्मप्रताप पिता विशाल सिंह के मकान में चलाया जा रहा था। दीपक क्लीनिक में नहीं मिले। सरपंच, कोटवार एवं ग्रामीणों ने बताया कि उनके द्वारा किए गए गलत इलाज के कारण ही मलेरिया से दो लोगों की मौत हुई। इसी प्रकार करगी कला में डॉ. चिरंजीत विश्वास के क्लीनिक का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। उनके पास इलाज करने का किसी प्रकार का वैध दस्तावेज नहीं मिला। इसलिए उनका क्लीनिक सील कर दिया गया है।
रोकथाम के उपाय
रतनपुर व कोटा क्षेत्र में फैले डायरिया व मलेरिया की जांच कर उसकी रिपोर्ट तैयार करने सीएमएचओ की मांग पर दो टीमों का गठन किया गया है। इसमें रतनपुर के लिए- असिस्टेंट प्रोफेसर पीएसएम डॉ. श्रुति अग्रवाल, डेमोस्ट्रेटर डॉ. अपूर्वा गोदाने , पीएसएम के 4 पीजी स्टूडेंट्स, पीजी स्टूडेंट्स माइक्रोबायोलॉजी डॉ. विकास मिश्रा, लैब टैक्नीशियन माइक्रोबायोलॉजी दुलेश्वर चंद्रा शामिल हैं। जबकि कोटा, टेंगनमाड़ा के लिए एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. सुचिता सिंह , डेमोंस्ट्रेटर डॉ. शुभम प्रसाद, पीएसएम के 4 स्टूडेंट्स, पीजी स्टूडेंट माइक्रोबायोलॉजी डॉ. गरिमा साहू, लैब टैक्नीशियन माइक्रोबायोलॉजी दुष्यंत राव शामिल हैं। ये दोनों क्षेत्रों का भ्रम कर मरीजों कर ब्लड टेस्ट लेते हुए अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे। जिसे स्वास्थ्य विभाग के समक्ष रखा जाएगा।
अस्पतालों में इतने मरीज भर्ती
रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डायरिया के लगभग 40 मरीज भर्ती हैं। जबकि सिस में इसके लगभग 8 मरीज भर्ती हैं। इसी तरह कोटा, बेलगहना व टेंगनमाड़ा क्षेत्र के लगभग 9 मलेरिया पीड़ित भर्ती हैं। इसके अलावा कई मरीजों का कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व अन्य स्थानीय अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
Malaria: सिर्फ वीआईपी क्षेत्र में ही हो रही फागिंग, बाकी इलाकों में अनदेखी
बारिश का मौसम आते ही शहर में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। इन्हें भगाने नगर निगम द्वारा हर क्षेत्र में फागिंग कराई जानी चाहिए, पर नहीं कराई जा रही। फागिंग सिर्फ वीआईपी व वीवीआईपी इलाकों में ही हो रही है। इसमें कलेक्टर, कमिश्नर, विधायक, सांसद निवास स्थल, कलेक्टोरेट एरिया शामिल है। बाकी क्षेत्रों में लोग फागिंग के लिए कह-कह कर हार गए, फिर भी निगम के संबंधित अधिकारी मजाल है कि टस से मस हो जाएं।
सफाई व फागिंग न होने की शिकायत नहीं मिली
शहर में नियमित रूप से साफ-सफाई हो रही है। जल जमाव वाले इलाकों में कीटनाश के छिड़काव के साथ ही फागिंग भी कराई जा रही है। साफ-सफाई व फागिंग न होने की शिकायत कहीं से नहीं मिली है।