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कोरोना की तरह फैल रहा डेंगू… इतनों की हुई मौत, देखें जिलों के आंकड़े Q. हर महीने लगभग कितने कैंसर पीड़ित महिलाएं सामने आती हैं? A. हर महीने लगभग 15 के करीब नए कैंसर पीड़ित महिलाएं सामने आ रही हैं।
Q. महिलाओ में किस तरह का कैंसर अधिक कॉमन है? A. महिलाओ में सबसे अधिक ब्रेस्ट कैंसर के मामले देखने को मिलते हैं वहीं इसके बाद सर्वाइकल कैंसर और माउथ कैंसर के भी मामले सामने आते हैं।
Q. जब महिलाएं इलाज के लिए पहुंचती हैं तब उनकी स्थिति कैसी होती है? A. सबसे पहले ये समझने की जरूरत है कि कैंसर के मरीज डायरेक्ट हम तक नहीं पहुंचते। ज्यादातर पहले गायनो या सर्जन के पास जाते हैं। जहां से डॉक्टर की डाइग्नोसिस के बाद वो कैंसर का इलाज लेने सिम्स अस्पताल पहुंचते हैं।
Q. सिम्स में कैंसर इलाज की क्या व्यवस्था है? A. मौजूदा समय में स्क्रीनिंग, बायोप्सी, कीमो आदि समेत तमाम व्यवस्थाएं हैं। लेकिन रेडियो थेरेपी के लिए रायपुर जाना पड़ रहा है। जैसे ही ये रेडियो थेरेपी मशीन यहां आ जाती है उसके बाद सिम्स में शत प्रतिशत कैंसर के इलाज की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। उधर, मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में अगले 1 साल में कैंसर का इलाज होने लगेगा।
क्या भविष्य में कैंसर के इलाज के लिए बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी? A. मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल परिसर में ही राज्य कैंसर संसथान का निर्माण चल रहा है जिसके 20 प्रतिशत कार्य पूरा हो चूका है। अगले एक साल में ये अस्पताल बन कर तैयार हो जाएगा। इसके बनने के साथ ही जिले के मरीजों को कैंसर की ट्रीटमेंट के लिए बहार जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
डॉ चंद्रहास ध्रुव ने बताया कि अपने शोध में उन्होंने पाया है कि शहरी क्षेत्र की महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के विषय में अधिक जानकारी रखती हैं। जिसके चलते शहरी क्षेत्र की अधिकतर महिलाएं समय पर जांच के लिए पहुंच जाती हैं।
जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में जानकारी के अभाव के चलते महिलाओं में कैंसर की बीमारी थोड़ी देर से ट्रेस हो पाती है और जब तक महिलाएं अस्पताल तक पहुंचती हैं बीमारी अपनी पकड़ मजबूत कर चुका होता है। हमें कैंप लगा कर और अन्य माध्यमों से ग्रामीण क्षेत्रों में कैंसर के प्रति जागरूकता लाने की जरूरत है।