पाकिस्तान के निमंत्रण को PM मोदी की ‘ना’
PM मोदी के पाकिस्तान ना जाने से ये साफ हो गया है कि उन्होंने पाकिस्तान के इस समिट में शामिल होने के निमंत्रण को ना कह दिया है। सचदेव ने कहा कि हम जयशंकर से हमेशा की तरह मुखर रहने की उम्मीद कर सकते हैं। भारत अपने विचारों को मजबूती से पेश करेगा। हालांकि ये राष्ट्राध्यक्षों की बैठक है, लेकिन प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति जानबूझकर किए गए कमतर आंकलन को दर्शाती है। ये महत्वपूर्ण है कि जयशंकर इसमें शामिल हो रहे हैं, लेकिन ये भी साफ है कि पाकिस्तान की हरकतों को देखते हुए भारत ने इस आयोजन को उतनी प्राथमिकता नहीं दी है।
पाकिस्तान को कैसे सबक सिखाएगा भारत
पाकिस्तान में एस जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए जा रहे हैं। इसका मतलब साफ है कि फिलहाल भारत पाकिस्तान के साथ शीर्ष नेताओं की द्विपक्षीय बातचीत के लिए तैयार नहीं है, दूसरा ये कि SCO समिट में रूस, चीन, मध्य एशिया के देश जैसे कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे। जिनके सामने भारत अपना स्टैंड रखेगा। जानकार इस बात की भी अटकलें लगा रहे हैं कि बैठक में भारत अपनी संप्रभुता को लेकर भी बात करेगा, जिसमें आतंकवाद, भारत की भूमि पर कब्जे जैसे मुद्दे शामिल हो सकते हैं। जाहिर है भारत अब पूरी दुनिया के सामने उसी के घर में बेनकाब करने जा रहा है।
जब तक आतंकवाद, तब तक कोई बातचीत नहीं
सचदेव ने साफ-साफ कह दिया है कि भारत सिर्फ पाकिस्तान की वजह से SCO समिट में अपनी भूमिका कम नहीं कर सकता। भारत इसमें शामिल होगा लेकिन भारत की प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री नहीं बल्कि विदेश मंत्री करेंगे। जब तक पाकिस्तान आतंकी गतिविधियों को बंद नहीं करता, तब तक भारत के साथ सामान्य संबंध नहीं हो सकते। पाकिस्तान अपने घरेलू मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए भारत विरोधी प्रचार करता है। भारत और पाकिस्तान के बीच समस्या ये है कि जिन्हें भारत आतंकवादी कहता हैं, पाकिस्तान उन्हें स्वतंत्रता सेनानी मानता है। पाकिस्तान के रुख से तो कोई भी संबंध दोनों देशों के बीच स्थापित नहीं किए जा सकते।