तम्बाकू जन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है । प्रतिवर्ष 12 लाख से भी अधिक व्यक्तियों की मौत तम्बाकू जनित रोगों के कारण होती है और वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण- (2016-17) के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में 39.4 प्रतिशत लोग किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन कर रहे हैं । भारतीय संसद ने 2003 में युवाओं और जन-मानस को तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभावों से बचाने के लिए सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पाद, प्रदाय और वितरण के नियंत्रण विनियमन) अधिनियम 2003 कोटपा को लागू किया है । यह एक राष्ट्रीय कानून है, जिसका अनुपालन सभी राज्य कोहर हाल में करना है।
पान मसाले का प्रचार-प्रसार भी नियम का उल्लंघन आदेश में नगरीय निकाय प्रभारियों को कहा गया है कि भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा 20 अक्टूबर 2006 को जारी अधिसूचना के तहत तम्बाकू उत्पादों का अप्रत्यक्ष विज्ञापन (राजश्री और विमल पान मसाला) सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद नियंत्रण अधिनियम, 2003 की धारा-5 का उल्लंघन है । इसलिए सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में लगाए गए होडिंग्स ,बसों और अन्य स्थानों में पान मसाला के विज्ञापन को तत्काल हटाया जाएं।
लगाने होंगे दुष्परिणाम के होर्डिंग्स नगरीय निकाय क्षेत्रों में पहले लगाए गए अप्रत्यक्ष विज्ञापनाें को हटाकर उसकी जगह तम्बाकू से दुष्परिणामों के विज्ञापन लगाए जाएं। इससे छत्तीसगढ़ राज्य को तम्बाकू मुक्त बनाया जा सके ।
बसों और निजी संस्थानों में लगे हैं बैनर पोस्टर सिगरेट और पान मसाला वाले उत्पादों के विज्ञापन नगर निगम की सिटी बसों समेत निजी संपित्तयों और दुकानों में खुलेआम लगाए गए हैं। यह काम संबंधित उत्पाद वाली कंपनियां कर रही हैं। इसे हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है, शहर में करीब 20 हजार से अधिक ऐसी दुकानें हैं जहां सिगरेट और पान मसाला के उत्पाद वाले बैनर और पोस्टर दुकानों में लगे हैं। कई दुकानें ऐसी हैं जहां तंबाकू से जुड़े उत्पादों का नाम बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है। इन सभी प्रचार प्रसार के पाेस्टरों और बैनरों हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम के लिए चुनौती से कम नहीं हैं।